बिहार:सरकार के तुगलकी फरमान नहीं चलेगी,,,,,,,,, संजय कुमार मिश्रा

सरकार के तुगलकी फरमान नहीं चलेगी,,,,,,,,, संजय कुमार मिश्रा

अररिया

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के द्वारा शराबियों एवं शराब तस्करों की पहचान कर सूचना देने का आदेश निर्गत होने के बाद शिक्षक संगठनों में उबाल है। इसका नतीजा है कि हर जगह शिक्षक एवं संगठनों की ओर से सरकार की आलोचना शुरू हो गई है। जो राज्य के लिए अच्छी संकेत नहीं है। उक्त बातें अररिया के युवा समाजसेवी संजय कुमार मिश्र ने कहीं। श्री संजय कुमार मिश्र ने आगे बताया कि कई शिक्षक संघ के तत्वाधान में आदेश की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार का विरोध करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग के आला अधिकारी के द्वारा जारी किया गया पत्र शिक्षा का अधिकार अधिनियम एवं सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की खुलेआम अवहेलना है। श्री मिश्र ने आगे कहा कि शिक्षकों को जनगणना, आपदा एवं निर्वाचन के अतिरिक्त किसी अन्य कार्य में नहीं लगाया जा सकता है। दूसरी और उसी आदेश में यह भी अंकित है कि जानकारी देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा लेकिन बिहार के सत्येंद्र दुबे जैसे ईमानदार अभियंता का नाम जब प्रधानमंत्री कार्यालय से लिक हो जाता है एवं इस कारण उनकी हत्या तक हो जाती है, तो इसकी क्या गारंटी है कि शिक्षकों का नाम लिक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जो नागरिक, शिक्षक के रूप में पदस्थापित हुए हैं ,उनका काम बच्चों को शिक्षा देना है, ना कि ऐसे कार्यों को करना जिससे जान-माल पर बेवजह का खतरा हो। यह एक प्रकार से बिहार में शिक्षकों की हत्या करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि एक और सरकार शिक्षकों का जान, जोखिम में डालकर इस प्रकार का काम करवाना चाहती है वहीं दूसरी ओर जब यही शिक्षक अपने लिए बेहतर सुविधा की मांग करते हैं तो इन्हें स्थानीय निकाय का कर्मी बताकर पल्ला झाड़ लेती है। बेहतर वेतन की बात तो दूर, उसे तो वेतन भी समय पर नहीं मिल पाता है। क्या शिक्षा विभाग के सबसे बड़े अधिकारी को यह नहीं पता कि शिक्षक का काम शिक्षण कार्य करना होता है। चौकीदार या अन्य कार्य नहीं। विभाग पहले ही दर्जनों कामों में शिक्षकों को उलझा हुए है। अब एक और आदेश निर्गत कर व शिक्षकों में भय का माहौल उत्पन्न करना चाहती है, जो कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। श्री संजय कुमार मिश्र ने आगे बताया कि बिहार में बेरोजगारी चरम पर हैं। यहां के युवा प्रत्येक वर्ष कई कोर्सेस प्राप्त कर बेरोजगार हो रहे हैं, उन्हें रोजगार देने का कोई अवसर व विकल्प सरकार के पास नहीं दिखाई दे रहा है। सरकार हर वर्ष युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध करावे अन्यथा राज्य की स्थिति बेहद खराब हो जाएगी। वहीं सरकार को शिक्षकों के वेतन को आकर्षक बनाया जाना चाहिए, या फिर समान काम के बदले समान वेतन देने की पहल करनी चाहिए। ताकि स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता आ सके।
अररिया फोटो नंबर 3 युवा समाजसेवी संजय कुमार मिश्र

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