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जिला जेल में उमेश हत्याकांड में दो और हुए गिरफ्तार तथा जेलर समेत छह किये गये सस्पेंड
जिला संवाददाता
बरेली : जिला जेल में नियमों को दरकिनार कर माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ से उसके करीबियों की मुलाकात करबाई जाती थी । जबकि तीन दर्जन ऐसे चेहरे थे जो अशरफ से मिलने आते थे वहीं 11 फरबरी ही नहीं ,बल्कि उससे पहले भी कई बार बिना लिखापढ़ी के अशरफ से कई लोगों की मुलाकात कराई जाती थी । वहीं कार्यवाहक डीआईजी जेल बरेली रेंज आरएन पांडेय की जांच में ऐसे कई गंभीर तथ्य सामने आने के बाद जेलर समेत छह और जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
वहीं डीजी जेल आनन्द कुमार ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए बड़ी कड़ी कार्यवाही की है ।उनके निर्देश पर बरेली जेल के जेलर (मुलाकात के पर्यवेक्षण अधिकारी) राजीव कुमार मिश्र (डिप्टी जेलर मुलाकात अधिकारी) दुर्गेश प्रताप सिंह के अलावा हेड जेल वार्डन ब्रजवीर सिंह ,जेल वार्डन दानिश मेहंदी, मनोज गौड़, दलपत सिंह को निलंबित कर दिया गया है । यह भी साफ हो गया है कि 11 फरवरी से पहले की कई लोगों से अशरफ के नियम विरूद्ध मुलाकात कराई गई थी ।निलंबित जेल कर्मियों को नोटिस देकर जवाब तलब भी किया गया है । वहीं सिपाही शिवहरि अवस्थी फिर मनोज कुमार गौड़ की गिरफ्तारी के बाद तीन और सिपाही ब्रजवीर सिंह ,दानिश मेंहदी व दलपत सिंह पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। रूपयों की हवस व महंगे गिफ्ट के लालच में जेल के पूरे सिस्टम को माफिया के भाई अशरफ के हाथों गिरवी रख दिया ।नतीजा यह था कि पूरा सिस्टम अशरफ के इशारे पर चलता था ।और हैरानी की बात यह है कि इन सुविधाओं के एवज में जेल अफसरों व कर्मियों का भुगतान हाथों- हाथ होता था। बकायदा अशरफ ने लल्ला गद्दी के जरिए प्रॉपट्री डीलर सरफुद्दीन को इस काम के लिए तैयार कर रखा था ।सरफुद्दीन प्रतिबंधित सामान के साथ रूपयों की खेप लेकर जेल पहंचता था ।ऊपर से लेकर नीचे तक सबका हिस्सा बंटता था ।वहीं सिपाही मनोज कुमार गौड़ व सरफुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी ने इस बात का राजफाश किया है। प्रकरण में अब तक दो सिपाही शिवहरि अवस्थी, मनोज कुमार गौड़, अशरफ के गुर्गे राशिद ,फुरकान बी ,दयाराम उर्फ नन्हें व सरफुद्दीन सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं । वहीं अशरफ का साला सद्दाम व लल्ला गद्दी के विरूध्द गैर जमानती वारंट जारी हो सकता है। सीओ आशीष प्रताप सिंह ने गत दिवस सोमबार को आरोपितों के विरूध्द एनबीडब्ल्यू के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई है। ऐसे में एनबीडब्ल्यू होते ही आरोपितों के विरूध्द पुलिस ईनाम घोषित कर सकती है। आरोपित सद्दाम व लल्ला गद्दी से जुड़े लोगों की तलाश में पुलिस जुटी है। जिनका अशरफ से कनेक्शन सामने आ चुका है ।मामले में जांच में जुटी एसआईटी फुटेज के लिए जिला जेल पहुंची थी । लेकिन उसे 24 फरबरी के बाद से जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों की ही फुटेज मिली थी ।इसके बाद टीम ने जेल मुख्यालय से 11 फरबरी से 24 फरबरी तक की सीसीटीवी फुटेज मांगी थी ।