दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी द्वारा थिएटर अड्डा के 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट के 12 वें दिन दो नाटक क्रमशः पथ जमशेदपुर का नाटक पंछी और सन 2025 का मंचन हुआ।
पहले नाटक पंछी का सार है कि आज के इस भौतिकतावादी एवम् उपभोक्तावादी परिवेश में मानव मन का ‘पंछी’ सुख और आनंद के आकाश में उड़ने का प्रयास तो जरूर करता है, परंतु आर्थिक वर्ग विभेद के पिंजरे में फडफडा कर रह जाने को विवश है| अर्थात् अर्थहीनता के बीच आम आदमी की झुलसती इच्छाओं के रूप में दिन प्रतिदिन पनप रहे, वातावरण में भी मानव प्रकृति को सरल रूप से समझने का श्रम साध्य प्रयास है पंछी।
निम्न मध्यम वर्गीय परिवार का प्रतीक नीतिश परिस्थितियों के समीकरण को सुलझाने की प्राथमिकता के अंतर्द्वद में भी आनंद के क्षण और आत्म सम्मान बचाने के प्रयास में अपनी शादी की सालगिरह का आयोजन करता है। पत्नी श्यामा इसे फिजूलखर्ची मानकर विरोध करती है। पूंजीवादी व्यवस्था जो अब तक सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था पर हावी होती रही, अब परिवारों को भी अपनी चपेट में ले चुकी है। पूंजीवाद के प्रतीक पात्र रवि और भुवन नीतिश की सालगिरह में ना आकर उसके आत्म सम्मान के गाल पर ‘औकात’ का जोरदार तमाचा रसीद कर देतें हैं | ये चांटा उसके मन के पंछी को आहत कर देता है और उसकी सारी इच्छाओं पर तुषारापात हो जाता है।
परंतु मन के आहत पंछी को उड़ने के लिए प्रेरित करती है पत्नी श्यामा, जो अर्धांगिनी बन कर हर परिस्थिति में साथ निभाने वाली है ।
कलाकारों में श्यामा छवि दास, नीतिश, वकील दीपेश सिंह राजपूत, गोपाल, मो० निजाम के अलावा खुर्शिद आलम, सत्यम अमृतम, रुपेश प्रसाद, शैलेन्द्र कुमार, मनोज मित्रा, ज्योति निजाम का विशेष सहयोग रहा। पार्श्वसंगीत वर्षा प्रसाद, छवि दास, रुपेश व दीपेश का रहा। नाटक का निर्देशन मो० निजाम ने किया।
थिएटर फेस्ट का संयोजन शैलेन्द्र आज़ाद ने किया। कार्यक्रम मे शालिनी गुप्ता, शुभी, अजय गौतम, सुशील, मोहित, सचिन श्याम भारतीय, महेंद्र पाल राही का विशेष सहयोग रहा।
कल शाम 8 बजे कॉमन पीपल दिल्ली द्वारा नाटक सर सर सरला का मंचन लोक ख़ुशहाली सभागार में होगा।