कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत् केजी टू पीजी योजना सत्र 2021-22 से होगी लागू

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुवि में अब एक छत के नीचे मिलेगी केजी कक्षा से पीजी कक्षा तक की शिक्षा।

कुरुक्षेत्र, 13 जुलाई :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के तहत् केजी टू पीजी स्कीम के तहत सत्र 2021-22 में दाखिले के लिए पूरी तरह तैयार है। यानि अब एक ही छत के नीचे केजी से पीजी कक्षा तक की शिक्षा दी जाएगी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री हरियाणा के मार्गदर्शन में शिक्षा में केजी टू पीजी की व्यवस्था के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पहला विश्वविद्यालय है जिसने इस प्रणाली को अपनाया है।
कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि हमने 2022 से अपने यूजी और पीजी कार्यक्रमों में एनईपी को लागू करने के लिए रोडमैप भी तैयार किया है। केयू की कार्यकारी परिषद ने पहले ही संस्थागत विकास योजना को मंजूरी दे दी है और हरियाणा सरकार को इसकी ढांचागत रूपरेखा सौंप दी है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर हरियाणा सरकार एवं हायर एजुकेशन कमीशन, हरियाणा के साथ कईं महत्वपूर्ण बैठक भी हो चुकी हैं। कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि केयू एनईपी 2020 की अवधारणा, विकास योजना और कार्यान्वयन कार्यक्रम तैयार करने में राज्य में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर मंजुला चौधरी ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार गठित कमेटी की 16 जून 2021 को ऑनलाइन बैठक हुई थी। इस ऑनलाइन बैठक में यूजी एवं यूटीडी/संस्थान द्वारा चलाए जा रहे इंटीग्रेटेड कोर्सिज में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक विश्वविद्यालय परिसर स्थित यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के छात्रों के लिए 15 प्रतिशत सीटों का प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि 28 अप्रैल को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत् केजी टू पीजी योजना के लिए कार्यान्वयन लिए गठित कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी प्रदान की गई थी।
प्रोफेसर मंजुला चौधरी ने बताया कि यूटीडी/संस्थानों में चलाए जा रहे यूजी और एकीकृत पाठ्यक्रमों में 15 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें (रेगुलेट्री बोर्ड द्वारा अनुमति नहीं दी गए कोर्सिज को छोड़कर), यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के छात्रों को दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि किसी पाठ्यक्रम में अधिसंख्य सीटों पर प्रवेश विश्वविद्यालय विवरणिका में दिए गए पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केजी से पीजी योजना के तहत यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्री-कंडीशन यह है कि जिन उम्मीदवारों ने यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल में अध्ययन किया है, उन्हें इस योजना के तहत यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाएगा, बशर्ते कि योग्यता परीक्षा यूनिवर्सिटी स्कूल से उत्तीर्ण की गई हो और छात्र ने यूनिवर्सिटी स्कूल में न्यूनतम 2 साल की अवधि के लिए अध्ययन किया हो।
इस योजना के तहत अलग-अलग आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी सीनियर सैकेंडरी मॉडल स्कूल (1 वर्ष = 0.5 अंक) में प्राप्त स्कूली शिक्षा के आधार पर योग्यता परीक्षा में एक अलग योग्यता सूची तैयार की जाएगी। इस श्रेणी में छात्रों की अनुपलब्धता की स्थिति में अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों को इसके तहत् दाखिला नहीं दिया जाएगा।
प्रो. मंजुला चौधरी ने बताया कि केजी से पीजी योजना के तहत पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र को यूनिवर्सिटी सीनियर सैकेंडरी मॉडल स्कूल से न्यूनतम 2 वर्ष की अवधि के लिए अध्ययन किया हो इस शर्त के अधीन पात्र होगा।

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