वैक्सीनेशन की आड़ में शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध होना अनुचित-शैक्षिक महासंघ
अम्बेडकर नगर।माध्यमिक विद्यालयों में 15 से 18 वय वर्ष के विद्यार्थियों के टीकाकरण को लेकर जिले के सभी सहायताप्राप्त विद्यालयों का जनवरी का वेतन अबतक पारित न किया जाना अव्यवहारिक और शिक्षकों तथा कर्मचारियों का उत्पीड़न है।यह उद्गार राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,उत्तर प्रदेश के अयोध्या मण्डल संयोजक उदयराज मिश्र ने व्यक्त किये।श्री मिश्र वेतन के बाबत जीविनि प्रवीण कुमार मिश्र से वार्ता करने के उपरांत शिक्षकों को सम्बोधित कर रहे थे।
ज्ञातव्य है कि जनवरी माह से माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत 15 से 18 वयवर्ष के विद्यार्थियों को कोरोना वैक्सीन की प्रथम डोज लगनी थी।जिस निमित्त अनेक विद्यालयों की लापरवाही से कुल विद्यार्थियों की संख्या और वैक्सीन लगवाए विद्यार्थियों के मिलान में तकरीबन 5000 का अंतर आ रहा है।जिससे खफा होकर मुख्य विकास अधिकारी घनश्याम मीणा ने सभी माध्यमिक विद्यालयों का वेतन शतप्रतिशत वैक्सीनेशन होने तक पारित करने पर रोक लगा दी है।
दिलचस्प बात तो यह है की फरवरी के प्रथम सप्ताह में मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में परियोजना निदेशक द्वारा कई विद्यालयों की संख्या का उपस्थिति रजिस्टर से मिलान करते हुए सही भी पाया गया किन्तु बावजूद इसके ऐसे विद्यालयों के भी वेतन अबतक पारित नहीं किये गए,जोकि अनुचित है।
इसबाबत उक्त शिक्षक नेता ने बताया कि लेखा सङ्गठन और जिला विद्यालय से महासंघ की वार्ता के मुताबिक एक दो दिन में जिन विद्यालयों की सूची का मिलान सही पाया गया है,उनका वेतन पारित किया जाएगा।श्री मिश्र ने सभी विद्यालयों विशेषकर वित्तविहीन विद्यालयों से अपील की है कि वैक्सीनेशन को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करते हुए द्वितीय डोज में शतप्रतिशत योगदान दें।