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केडीबी के 53 वें स्थापना दिवस पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन, सीईओ अनुभव मेहता व केडीबी सदस्यों ने किया पौधारोपण।
कुरुक्षेत्र 1 अगस्त :- कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड कुरुक्षेत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुभव मेहता ने कहा कि कुरुक्षेत्र के विकास में भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नन्दा जी का योगदान अविस्मरणीय है। आज के ही दिन 1 अगस्त 1968 को कुरुक्षेत्र के तीर्थों के संरक्षण, सवंर्धन एवं विकास के लिए भारत रत्न स्वर्गी गुलजारी लाल नन्दा द्वारा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का गठन किया गया था। बोर्ड के गठन के पश्चात ही कुरुक्षेत्र भूमि के अनेक तीर्थों के जीर्णोद्धार का कार्य शुरु हुआ और आज ये तीर्थ यात्रियों की श्रद्धा और पर्यटकों के आकर्षण के प्रमुख केन्द्र बन चुके है। इसके साथ ही उनके द्वारा स्थापित श्रीकृष्ण संग्रहालय भी आज पर्यटकों के लिए एक प्रमुख दर्शनीय स्थल के रुप में विकसित हो चुका है।
सीईओ अनुभव मेहता रविवार को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की 53 वीं वर्षगांठ के अवसर पर केडीबी द्वारा श्रीकृष्ण संग्रहालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले सीईओ अनुभव मेहता, केडीबी के सदस्य कृष्ण चंद रंगा, सौरभ चौधरी ने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड कुरुक्षेत्र के संस्थापक भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नन्दा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित किए है। इसके उपरांत सीईओ अनुभव मेहता व सभी सदस्यों ने श्रीकृष्ण संग्रहालय के परिसर में मोलसरी, शमी, पारिजात एवं गुलमोहर के पौधों का रोपण किया गया। सीईओ अनुभव मेहता ने कहा कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा के बताए हुए मार्ग पर चलकर 48 कोस कुरुक्षेत्र की धार्मिक एवं सांस्कृतिक सम्पदा के संरक्षण के कार्य में निरन्तर कार्य कर रहा है तथा आज इस भूमि के अनेक तीर्थों के विकास का कार्य अभूतपूर्व प्रगति के साथ आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड के इन प्रयासों से निश्चित ही कुरुक्षेत्र, विश्व पर्यटक मानचित्र पर अपना स्थान बनाने में सफल होगा। हम सभी का कर्तव्य है कि हम उनके बताए हुए मार्ग और आदर्शों का अनुसरण कर कुरुक्षेत्र भूमि के विकास के लिए कृतसंकल्प हों, यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कुरुक्षेत्र को पर्यटन के रुप में विकसित करने का जो सपना स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा ने देखा था, सरकार व प्रशासन द्वारा उस सपने को पूरा करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है।