सड़क सुरक्षा को लेकर आयुष विश्वविद्यालय की अनूठी पहल

-हेलमेट की अहमियत समझाने के लिए खोपड़ी की वास्तविकता दिखाई।
कुरुक्षेत्र (अमित) 20 दिसंबर : श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय परिसर में बिना हेलमेट वाहन चलाने वाले विद्यार्थियों एवं स्टाफ सदस्यों को एक अनोखे और प्रभावशाली तरीके से जागरूक किया जा रहा है। इस पहल की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर एवं रचना शरीर विभागाध्यक्ष प्रो. सतीश वत्स ने संभाली है।
प्रो. सतीश वत्स न केवल हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, बल्कि मानव खोपड़ी की वास्तविक संरचना को प्रत्यक्ष रूप से समझाकर लापरवाही के खतरों से भी अवगत करा रहे हैं। इसके तहत खोपड़ी को डार्क रूम में टॉर्च की रोशनी के माध्यम से दिखाया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रोशनी किस प्रकार खोपड़ी के आर-पार चली जाती है।
प्रो. वत्स ने बताया कि फ्रंटल ट्यूबर (खोपड़ी का अगला भाग) और पेराइटल ट्यूबर (दाएं-बाएं भाग) अत्यंत नाजुक होते हैं। सड़क दुर्घटनाओं में अधिकांश मौतें इन्हीं हिस्सों में गंभीर चोट लगने के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि हेलमेट न पहनने से सिर पर चोट का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। विश्वविद्यालय प्रशासन का उद्देश्य केवल नियम लागू करना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को शरीर रचना की वैज्ञानिक वास्तविकता समझाकर उन्हें स्वयं अपनी सुरक्षा के प्रति सजग बनाना है, ताकि वे लापरवाही से बचें और सुरक्षित जीवनशैली अपनाएं। प्रो. सतीश वत्स ने बताया कि भारत में 2024 में अनुमानत 1.7 लाख से अधिक लोग सड़क हादसों का शिकार हुए, जोकि पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है। हरियाणा में लगभग 9,806 दुर्घटनाएं हुई और 4,689 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि हेलमेट पहनना, यातायात नियमों का पालन और सुरक्षित ड्राइविंग करके हम खुद भी सुरक्षित रह सकते हैं और दूसरों की जिंदगी बचा सकते हैं।




