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,मोहब्बत व इंसानियत की जुबान है उर्दू,,,,,,,,डीएम
फरोगे उर्दू को लेकर सेमिनार ,कार्यशाला व मुशायरे का हुआ आयोजन।
जिला उर्दू नामा पुस्तक का डीएम हुआ विमोचन।
अररिया
उर्दू हिंदुस्तान की खूबसूरत जुबान और कीमती तहजीबी विरासत है।उर्दू हमे प्यार मोहब्बत और अमन का पैगाम देती है।ये बाते सोमवार को टाउन हॉल अररिया में जिला पदाधिकारी इनायत खान ने कही।उर्दू निदेशालय बिहार के सौजन्य से जिला उर्दू कोषांग अररिया द्वारा आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी ने कहा की उर्दू सिर्फ मुसलमानो की ही नही बल्कि हिंदुस्तान की खूबसूरत जुबान है।उर्दू में मिठास और अपनापन है।जिला पदाधिकारी इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई।आयोजकों द्वारा जिला पदाधिकारी को बुके देकर सम्मानित किया गया।जिला पदाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।फरोगे उर्दू सेमिनार में मौजूद उर्दू शिक्षक ,अनुवादक और उर्दू से प्रेम करने वाले लोगो को संबोधित करते हुए कहा की उर्दू और हिंदी दोनो सगी बहनें है।उर्दू बोलने से मिठास का अनुभव होता है।उन्होंने कहा किसी काम को जुनून और सकारात्मक विचार के साथ करें।निश्चित रूप से सफलता मिलेगी।कोई भी भाषा आपस में जोड़ने का काम करती है।उर्दू तो गंगा जमुनी तहजीब की भाषा है।कोई भी भाषा तोड़ने का नही बल्कि जोड़ने का काम करती है।मौके पर एडीएम राज मोहन झा ने कहा मुझे उर्दू बोलना बहुत अच्छा लगता।उर्दू तो गीत ,संगीत और मौशिकी की भाषा है।उर्दू हिंदुस्तान की एक खूबसूरत जुबान है।डीडीसी मनोज कुमार ने कहा उर्दू सभी को सीखना चाहिए।मौके पर भू अर्जन पदाधिकारी वसीम अख्तर ने कहा उर्दू के रसाले हर घर में आने चाहिए।ताकि हमारे बच्चों में उर्दू के प्रति रुझान बढ़े।मौके पर जिला उर्दू कोषांग के प्रभारी उपेंद्र यादव ने बताया की राज्य सरकार द्वारा ये सभी जिला को ये आदेश प्राप्त हुआ है की सभी कार्यालय और पदाधिकारी का बोर्ड उनके कार्यालय सामने हिंदी के साथ साथ उर्दू में लिखाया जाए।मौके पर उर्दू कोषांग द्वारा उर्दू जिला नामा पुस्तक का विमोचन जिला पदाधिकारी के हाथों किया गया।मौके पर कौमी एकता विषय पर मुशायरे का आयोजन किया गया।मंच का संचालन अब्दुल गनी लबीब ने किया। कार्यक्रम में मु मोहसिन ,मो अफरोज, एचएम शमशुल , कमलदाहा के अफरोज आलम,आफताब आलम, गुड्डू भाई चकई, अरशद अनवर अलिफ ,फारूक आजम ,मु खालिद हुसैन के अलावा उर्दू शिक्षक बड़ी तादाद में मौजूद थे।