रुड़की
स्टोरी 40 परिवारों को नही मिला मतदान का अधिकार
पिछले लगभग दस सालो से प्रशाशन की लापरवाही के चलते 40 परिवार को मतदान करने का अधिकार नही मिला है। आलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके 170 लोगो को मतदाता नही बनाया गया। जी हां ये मामला उत्तराखंड देवभूमि से हरिद्वार जिले के झबरेड़ा विधानसभा व मंगलौर कोतवाली के अंतर्गत आने वाले गांव मुंडियाकी का है। बीते कई वर्षों से आस पास के गांव से आकर मुंडियाकी गांव में एक साथ बसे 40 परिवार को उत्तराखंड सरकार ने राशनकार्ड, आधार कार्ड, बिजली का कनेक्शन व जमीन दस्तावेज़ तो मुहैया करा दी लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते चुनाव में मतदान करने का अधिकार अभी तक नही दिया। एक साथ 40 परिवार में लगभग 170 मतदाता है लेकिन अभी तक उन्हें मतदान करने से वंचित रखा गया है। विधायक से लेकर मंत्रियों तक गुहार लगा चुके लोगो को अभी तक भी मतदाता पहचान पत्र भी नही बनाया गया है। जबकि सविंधान भारत मे रहने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगो को मतदान देने का अधिकार देता है। पिछले दस सालों से लगातार प्रशाशनिक अधिकारियों के दफ्तरों में चक्कर लगाने पर मजबूर लोगो की कोई सुनवाई नही हुई, मतदान का अधिकार न मिलने से मायूस परिवार के परेशानियों का शिकार हो रहे है।पढ़ाई के लिए बच्चो को स्कॉलरशिप सहित कई योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है। ऐसी इस्थिति में विभागीय अधिकारियों की बड़ी लापरवाही उजागर होती है। इस बाबत जॉइंट मजिस्ट्रेट रुड़की अंशुल सिंह से पूछा तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में है और जल्द ही सम्बंधित कर्मचारियों को इन लोगो को मतदान लिस्ट बनाये जाने का आदेश दिया गया है। जबकि विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। जबकि सरकार करोड़ो रूपये खर्च मत बनवाने के लिए लोगो को जागरूक कर रही है लेकिन उसके बाद भी इतनी बड़ी लापरवाही सरकारी कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करती है।
बाइट 1 ग्रामीण
बाइट 2 ग्रामीण
बाइट 3 अंशुल सिंह (जॉइंट मजिस्ट्रेट)
बाईट, विनय शंकर पांडेय डी एम हरिद्वार