ऋषिकेश : मशीनों की खरीद फरोख्त और निविदा में धांधली करने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एम्स के चार चिकित्सकों सहित 11 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। धांधली के मामले में सीबीआइ की ओर से दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं।
सीबीआइ की ओर से तीन फरवरी 2022 को एम्स का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान सड़क की सफाई करने वाली मशीन की खरीद में घपलेबाजी पाई गई है। मशीन की खरीद करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। कमेटी में डा. बलराम जी ओमर संकाय प्रभारी अस्पताल स्टोर, डा. बृजेंद्र सिंह विभागाध्यक्ष शारीरिक विज्ञान, डा. अनुभा अग्रवाल डीएमएस, दीपक जोशी लेखा अधिकारी व शशिकांत प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे।
निविदा प्रक्रिया में घपलेबाजी करते हुए कमेटी ने योग्य कंपनी को बाहर करते हुए अयोग्य कंपनी को टेंडर दिया और दो करोड़ रुपये की मशीन खरीद की जो कि सिर्फ 124 घंटे ही चली। इस मामले में चार चिकित्सकों सहित प्रो मेडिक डिवाइस के प्रोपराइट पुनीत शर्मा और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
इसी तरह एम्स में केमिस्ट की दुकान का टेंडर आबंटित करने में अनियमित्ताएं पाई गईं। टेंडर लेने के लिए मैसर्स त्रिवेणी सेवा फार्मेसी की ओर से जो दस्तावेज लगाए गए हैं, वह सहीं नहीं पाए गए। इस मामले में सीबीआइ की ओर से ग्राम शेरगढ़ टापू, जिला करनाला हरियाणा निवासी पंकज शर्मा पार्टनर मैसर्स त्रिवेणी सेवा फार्मेसी, पथेरा जिला कमल करनाल हरियाणा निवासी शुभम शर्मा, मैसर्स त्रिवेणी सेवा फार्मेसी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों मामलों में आज उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित 24 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। जांच जारी है। मुनिकीरेती क्लीनिक पर भी सीबीआइ की टीम पहुंची। आरोपित अपने ठिकानों से गायब हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक एम्स प्रशासन से जुड़ी एक महिला अधिकारी के पति जो ऋषिकेश के एक डेंटल कालेज में बड़े पद पर हैं। उनके घर और मुनिकीरेती क्लीनिक पर भी सीबीआइ की टीम पहुंची है। इसके साथ ही इस कैंपस में रहने वाले आरोपितों के यहां भी सीबीआइ की टीम कार्रवाई कर रही है। ऋषिकेश के भीतर स्थित प्राइवेट मेडिकल स्टोर में भी सीबीआइ की टीम पहुंची है।