प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक
देहरादून :उत्तराखंड में गेस्ट टीचर के मानदेय बढ़ाए जाने को लेकर शिक्षक संगठन मुखर हो गए हैं। शिक्षक संघ की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि विभिन्न समाचार माध्यमों से ज्ञात हुआ है कि सरकार अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त नही मानने जा रही है। सरकार का गैस्ट शिक्षकों के पद रिक्त न मानने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 14 जनवरी 2020 को गैस्ट शिक्षकों की नियुक्ति के सम्बन्ध मे पारित जजमेंट के विरूद्ध है।
गेस्ट शिक्षकों के नियुक्ति पत्र पढिए स्पष्ट लिखा गया है कि ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के 14 जनवरी 2020 के आदेशों के अधीन रहेगी। नियुक्ति पत्र मे भी स्पष्ट लिखा गया है कि स्थाई नियुक्ति/ पदोन्नति होने पर ये नियुक्तियां स्वत: ही रद्द हो जायेगी एंव ये सारे पद रिक्त माने जायेंगे। सरकार का यह निर्णय वर्षों से विभाग में सेवा दे रहे शिक्षकों के हितों के विरूद्ध है। वर्षों से स्थानांतरण एवं पदोन्नति वैसे भी इस विभाग मे नही हो रहे हैं अगर पद रिक्त नही माने जाते हैं तो यह आम शिक्षकों कहाँ जायेगा?
शिक्षक संघ ने का कहना है कि गैस्ट का अनुबंध पत्र पढिए और सोचिए कि हमें जाना कहाँ था और हमें भेजा कहाँ जा रहा है। सरकार क्यो नही इन पदों पर कामचलाऊ व्यवस्था के बजाय स्थाई नियुक्ति नही करती? संघ ने मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि वर्षों से शिक्षकों के स्थानांतरण नही हुए हैं अत: स्थानांतरण कानून 2017 के प्रावधानों के अनुसार स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू की जाय। शिक्षकों के एलटी से प्रवक्ता एव हैडमास्टर/ प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया प्रारम्भ की जाए. अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त न मानने का कोई भी फैसला अगर सरकार लेती है तो राजकीय शिक्षक संघ उसका पुरजोर विरोध करेगा।