उत्तराखंड: बजट सत्र, मुख्यमंत्री रावत ने उत्तराखंड का बजट पेश किया

उत्तराखंड: बजट सत्र,
मुख्यमंत्री रावत ने उत्तराखंड का बजट पेश किया,
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
सागर मलिक

आय —
वर्ष 2021-22 में राजश्व प्राप्तियां है 441451.24 करोड़,
आय व्ययक अनुमान में कर राजश्व 20195.43 करोड़,
करेत्तर राजश्व के अंतर्गत 23955.81 करोड़
वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल प्राप्तियां 57024.22 करोड़,
व्यय —
वर्ष 2021-22 में कुल 57400.32 करोड़ का व्यय अनुमानित हैं,
राजकोषीय घाटा —
8984.53 करोड़

वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 87 करोड़ 56 लाख रुपये का प्राविधान किया गया है। गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु इस आय-व्ययक में 245 करोड़ रूपये का प्रावधान
किया गया है। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ रूपये व एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना में 12 करोड़ का रूपये का प्रावधान है। .

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 67 करोड़ 94 लाख रूपये की धनराशि प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना” हेतु इस आय-व्ययक में 25 करोड़ रूपये का प्रावधान प्रस्तावित है। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना इस योजना हेतु
आय-व्ययक में 47 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
• जमरानी परियोजना के निर्माण हेतु आय-व्ययक में इस मद हेतु 240 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
साँग पेयजल योजना हेतु आय-व्ययक में 150 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। “जल जीवन मिशन” (ग्रामीण) हेतु 667 करोड़ 76 लाख रूपये का प्रावधान किया
गया है।
पेरी अर्बन योजना हेतु आय-व्ययक में इस मद में 328 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
• नाबार्ड के अन्तर्गत पेयजल विभाग पेयजल योजनाओं हेतु 180 करोड़ रूपये का

प्रावधान किया गया है।
हरिद्वार एवं ऋषिकेश शहर को पूर्णतः सीवरेज योजना से आच्छादित किये जाने हेतु जर्मन विकास बैंक के.एफ.डब्ल्यू. द्वारा वित्त पोषित 1200 करोड रूपये के प्रस्ताव पर दिनांक 20 दिसम्बर, 2018 को त्रिपक्षीय एम.ओ.यू. हस्ताक्षर हो चुका है। इस योजना में महाकुम्भ के उपरान्त कार्य प्रारम्भ किया जायेगा। इस आय-व्ययक
में 80 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के अन्तर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबन्धन गतिविधियों हेतु आय-व्ययक में 101 करोड़ 31 लाख रूपये का प्रावधान किया
गया है। आगामी आय-व्ययक में वृक्षारोपण हेतु 50 करोड़ 29 लाख रूपये का प्रावधान
किया गया है।
कैम्पा अन्तर्गत वन एवं पर्यावरण को पहुंचने वाली क्षति की प्रतिपूर्ति हेतु इस

आय-व्ययक में 295 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान है।
जाइका (JICA) अन्तर्गत ईको रेस्टोरेशन कार्य हेतु इस आय-व्ययक में 110 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान है।
. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत कुल 681 करोड रूपये व्यय होने का अनुमान है, जिसके सापेक्ष इस आय-व्ययक में सामग्री मद के

अन्तर्गत 272 करोड़ 45 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजनान्तर्गत आय-व्ययक में कुल धनराशि रूपये .
94 करोड़ 43 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।
इस आय-व्ययक में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 197 करोड़ 61 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना हेतु आय-व्ययक में 20 करोड़ रूपये का
प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना हेतु 18 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
• राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान तथा राज्य सेक्टर के अन्तर्गत इस आय व्ययक में पंचायत भवनों के निर्माण हेतु 49 करोड़ 86 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।

अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत), राष्ट्रीय आजीविका मिशन (एन यू.एल.एम.), प्रधानमंत्री आवास योजना (हाऊसिंग फॉर ऑल), स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय अवस्थापना का सुदृढीकरण, जल जीवन मिशन (शहरी) एवं स्मार्ट सिटी आदि महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए आय व्ययक में 695 करोड़ 16 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।

लोक निर्माण विभाग के अनार्गत पूंजीगत परिसम्पत्तियों का सृजन हेतु 1511 करोड़ 29 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।

प्रदेश के मार्गों का समुचित वार्षिक रख-रखाव किये जाने के साथ-साथ मार्गा
का नवीनीकरण कार्य हेतु 385 करोड़ 27 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। • ग्रामीण क्षेत्रों में मोटर मार्गों एवं सेतुओं के कार्यो हेतु नाबार्ड वित्त पोषित योजना के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यो हेतु 330 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया
प्रधान मंत्री ग्राम सडक योजनान्तर्गत पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सूजन हेतु 954 करोड़ 75 लाख रूपये व भूमि क्रय हेतु 129 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया
• मुजफ्फरनगर रेल लाईन निर्माण परियोजना हेतु 70 करोड़ रूपये की धनराशि का
प्रावधान किया गया है।
देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश एंव हरिद्वार आदि में ट्रैक निर्माण एवं चालक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना हेतु इस आय-व्ययक में 17 करोड़ 62 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।
समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 1154 करोड़ 62 लाख रूपये का प्रावधान
प्रस्तावित है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत आय-व्ययक में कुल 153 करोड़ 7
लाख रूपये का प्रावधान है।
हरिद्वार, पिथौरागढ़ एवं रूद्रपुर में तीन मेडिकल कालेज हेतु आय-व्ययक में 228
करोड़ 99 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना संचालनार्थ 150 करोड़ रूपये की धनराशि का
प्रावधान किया गया है।
• विश्व बैंक की सहायता से चिन्हित जिला चिकित्सालयों को क्लस्टर पद्धति के अनुसार विकसित किये जाने हेतु आय-व्ययक में 200 करोड़ रूपये का प्रावधान
किया जा रहा है।
चिकित्सा एवं परिवार कल्याण हेतु 3319 करोड़ 63 लाख रूपये का प्रावधान किया
जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग अन्तर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन हेतु 1152 करोड़ 88 लाख रूपये का प्रावधान प्रस्तावित है।
अल्पसंख्यक युवाओं के कौशल विकास पर जोर देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री हुनर योजना के बजट प्रावधान को दोगुना किया गया है।

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत अल्पसंख्यक बाहुल्य विकासखण्डों में शिक्षा स्वास्थ्य, पेयजल आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इस आय-व्ययक में योजनान्तर्गत 40 करोड़ 35 लाख रूपये का प्रावधान किया गया
है।
अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत आय-व्ययक में 25 करोड़ 65 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।
• समेकित बाल विकास योजना अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री-स्कूल किट एवं मेडिसिन किट उपलब्ध कराने एवं कार्यकर्ताओं के लिए ड्रेस के रूप में 02 साडी उपलब्ध कराये जाने हेतु 15 करोड़ 43 लाख रुपये प्रावधान प्रस्तावित है।
राष्ट्रीय पोषण मिशन हेतु 43 करोड़ 71 लाख रुपये एवं अनुपूरक पोषाहार हेतु
482 करोड़ 73 लाख का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना के अन्तर्गत इस आय-व्ययक में 24 करोड़ 75 लाख
रूपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री आचल अमृत योजनान्तर्गत आय-व्ययक में 13 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
“नन्दा गौरा योजनान्तर्गत” आय-व्ययक में 120 करोड़ रूपये का प्रावधान किया
गया है। उत्तराखण्ड राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन हेतु इस आय-व्ययक
में 110 करोड़ रूपये का प्रावधान किया जा रहा है ।
• मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत इस आय व्ययक में 40 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
• विश्व बैंक पोषित उत्तराखण्ड वर्कफोर्स डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 140 करोड़
रूपये का प्रावधान किया गया है।
शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कक्षा-1 से कक्षा- 8 तक के विद्यार्थियों हेतु राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क जूता एवं बैंग उपलब्ध कराये जाने हेतु 24 करोड़ रूपये का प्रावधान किया जा रहा है।
• माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत भौतिक संसाधन तथा शैक्षिक सुधार हेतु ए.डी.बी. के माध्यम से 39 करोड़ 70 लाख रूपये का प्रावधान किया जा रहा है।
जल जीवन मिशन (शहरी) के अन्तर्गत शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक घर में पानी की
आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु 30 करोड़ 15 लाख रूपये का प्रावधान किया जा रहा है। सिंचाई विभाग के अन्तर्गत नलकूपों, नहरों, झीलों तथा बांधों के रखरखाव हेतु
118 करोड़ रूपये तथा नलकूपों एवं नहरों के निर्माण हेतु 150 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत जल विद्युत परियोजना किसाऊ. लखवाड़ तथा त्यूनी
आराकोट के निर्माण हेतु 30 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के संरक्षण हेतु अत्याचार निवारण/संरक्षण अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु धनराशि का प्रावधान किया गया है।
. जनजाति शोध संस्थान एवं संग्राहालय के संचालन हेतु आय-व्ययक में प्रावधान किया गया है।
समाज में महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत न्यायवाद के दौरान महिलाओं को
आर्थिक सहायता हेतु 3 करोड़ 60 लाख रूपये का प्रावधान किया जा रहा है।
युवा कल्याण के अन्तर्गत प्रदेश में महिला मंगल दल एवं युवक मंगल दल को सहायता हेतु 15 करोड़ रूपये का प्रावधान किया जा रहा है।
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एन.सी.डी. सी.) से प्राप्त अनुदान हेतु सहकारिता विभाग के लिए 20 करोड़ रूपये का प्रावधान किया जा रहा है।
नागरिक उड्डयन विभाग के अन्तर्गत राज्य में हवाई सुविधा के विस्तारीकण के दृष्टिगत चौखुटिया में हवाई पट्टी निर्माण हेतु 20 करोड़ रूपये का प्रावधान किया
गया है।
सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग में विज्ञान धाम के अन्तर्गत सांइस सिटी एवं विज्ञान केन्द्रों की स्थापना हेतु 23 करोड़ 15 लाख रूपये का प्रावधान किया गया
है। उद्यान विभाग के अन्तर्गत फलों के प्रसंस्करण हेतु माननीय प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के संचालन हेतु 5 करोड़ 53 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।
पंचायतीराज विभाग में प्रत्येक पंचायत में भवन की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु 20 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
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