उत्तराखंड:-मुख्यमंत्री रावत आपदा ग्रस्त क्षेत्र के दौरे पर,
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
सागर मलिक
देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक बार फिर आपदा प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर हैं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज रात्रि विश्राम भी वही करेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देर शाम तपोवन पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यो का स्थलीय निरीक्षण भी किया । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों के बीच जाकर अति संवेदनशीलता दिखाई है जैसे ही कल ग्लेशियर टूटने के कारण आपदा जैसी स्थिति बन गई थी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने सारे कार्यक्रम स्थगित कर तुरंत जोशीमठ रैंणी आपदा स्थल का दौरा किया और राहत बचाव कार्य के लिए अधिकारियों को त्वरित दिशा निर्देश भी दिए।
आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून पहुंच कर आपदा कंट्रोल रूम में जाकर आपदा कंट्रोल रूम का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ बैठक की उसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रभावित क्षेत्र का पूरा ब्यौरा मीडिया के सामने रखा।
उसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार अधिकारियों से अपडेट बराबर लेते रहे और राहत बचाव कार्य में कोई भी दिक्कत ना हो मुख्यमंत्री ने खुद कमान अपने हाथों में ली है।
आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपदा राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की जिसमें शासन के वरिष्ठ अधिकारियों आपदा प्रबंधन पुलिस सेना एवं आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में आई आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली ।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्षेत्र में खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो राहत एवं बचाव कार्य में लगे कर्मियों को भी सभी आवश्यकता सामग्री समय पर उपलब्ध हो। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए SDRF मत से 20 करोड़ की धनराशि जारी की गई।
उसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हुए और आज रात्रि विश्राम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वही करेंगे जिस तरह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कल से ही पूरी कमान अपने हाथों में रखी हुई है। और आपदा आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शीघ्र आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया।और आज फिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आपदा प्रभावित क्षेत्रों में है। कहीं ना कहीं जनता भी यही अपेक्षा करती है अपने मुख्यमंत्री से कि मुख्यमंत्री ऐसा ही होना चाहिए जो आपदा की घड़ी में या दुखः की घड़ी में जनता के बीच में रहे।