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उत्तराखंड देहरादून पति पत्नी निकले मौत के सौदागर, ब्रांडेड दवाओं के नाम पर बेच रहे थे जहर

सागर मलिक

उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथ बड़ी सफलता लगी है। एसटीएफ ने पंजाब के जीरकपुर से ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाइयां बेचने वाले एक पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है। इससे पहले एसटीएफ ने इस गिरोह के 12 अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें पांच दवा कंपनियों के मालिक और प्लॉट हेड भी शामिल हैं। पुलिस ने देहरादून के सेलाकुई थाने में इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया है।

एसटीएफ के मुताबिक, आरोपी प्रदीप कुमार और नवीन बंसल ने साल 2023 में मिलकर नकली दवाइयों का कारोबार शुरू किया था। प्रदीप कुमार की पत्नी श्रुति डावर ने इस मामले में ‘सांई फार्मा’ नामक फर्म खोली थी। गिरोह नकली रैपर, आउटर बॉक्स, लेबल और क्यूआर कोड के साथ नकली दवाइयां तैयार करता था, जिन्हें विभिन्न राज्यों में सप्लाई किया जाता था।

पुलिस के अनुसार, नकली दवाइयां देहरादून और हरिद्वार की फैक्ट्रियों में बनती थीं। इनमें ब्रांडेड कंपनियों के प्रिंटेड एल्यूमिनियम फॉयल का इस्तेमाल होता था, जो हिमाचल प्रदेश के बद्दी की एक फर्म से प्राप्त किया जाता था। आरोपी नवीन बंसल अपने फ्लैट में ब्लिस्टर मशीन से दवाइयां पैक करता था। इसके बाद पंकज शर्मा फार्मेसी के एंबुलेंस वाहन की मदद से इन दवाइयों को अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करता था।

प्रदीप कुमार के पास हरियाणा के पानीपत में भी एक मेडिकल स्टोर है। वह करीब दो साल तक देहरादून के एक निजी अस्पताल में पार्टनरशिप के तहत भी मेडिकल स्टोर चलाता रहा, जहां भी नकली दवाइयां सप्लाई की गईं। कोरोना काल में भी वह नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेचने के मामले में जेल जा चुका है।

पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी की फर्जी फार्मा कंपनी के बैंक खाते में पिछले दो वर्षों में करीब 14 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। इस गिरोह ने उत्तराखंड सहित छह राज्यों के मेडिकल स्टोरों में नकली दवाइयां सप्लाई की हैं। मामले की जांच अभी भी जारी है और अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है।

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