उत्तराखंड:देहरादून के लिए नासूर बना नालों पर अतिक्रमण, शहर में नदी-नालो व सरकारी भूमि पर 22 हजार अतिक्रमण


प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक

देहरादून। शहर का दायरा 60 से बढ़कर 100 वार्ड हो गया और इसके साथ मुसीबत भी बढ़ती चली जा रही है। नगर निगम क्षेत्र में 50 छोटे-बड़े नाले शहर के लिए नासूर बनने लगे हैं। नालों पर जिस तरह अतिक्रमण कर उनके प्रवाह क्षेत्र को मोड़ा गया है, उससे यह भारी बारिश में आबादी के लिए खतरा बनने लगे हैं। इससे बेखबर जिला प्रशासन, नगर निगम, सिंचाई विभाग समेत एमडीडीए चैन की नींद फरमा रहे हैं। समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में ये नाले शहर में बड़ी तबाही का कारण बन सकते हैं। बुधवार को जिस तरह बकरालवाला में नाले पर बना पुल बहने से सैकड़ों घरों का संपर्क टूट गया, वह इसकी बानगी है। पुल के टूटने की वजह नाले पर अतिक्रमण से जल-भराव की वजह से पुल की नींव कमजोर होना माना जा रहा है।
वोटबैंक की खातिर सरकार ने नगर निगम का दायरा बढ़ाते हुए 100 वार्ड करने में देर नहीं लगाई। साल 2018 में शहर की सीमा से सटे 72 गांव को मिलाकर नगर निगम का विस्तार कर दिया, मगर संसाधन और समस्या जस की तस हैं। सड़क, नाली व फुटपाथ पर फैले अतिक्रमण पर प्रशासन का डंडा यदा-कदा चल जाता है, लेकिन नालों की समस्या पर न जिला प्रशासन और न ही नगर निगम ध्यान दे रहा है। नगर आयुक्तविनय शंकर पांडेय ने बताया कि बारिश से पहले बड़े नालों की सफाई हो चुकी है और बाकी छोटे नालों में सफाई का कार्य कराया जा रहा।
शहर के प्रमुख नाले
डीएम आवास से नेशविला रोड
सालावाला से बिंदाल नदी तक
तेल भवन से बिंदाल तक
चंदरनगर से रेसकोर्स तक
मन्नूगंज से डांडीपुर तक
आराघर से रेसकोर्स
इंदिरा कालोनी चुक्खूवाला
नीलकंठ विहार
शास्त्रीनगर सीमाद्वार
इंद्रेशनगर-भूसा स्टोर के पास
गऊघाट से भंडारीबाग
नेहरू कालोनी नदी रिस्पना
संजय कालोनी पटेलनगर
सुभाषनगर ओगल भट्टा
किशननगर चौक-बिंदाल नदी
अपर राजीवनगर नाला
गोविंदगढ़ चौक से बिंदाल पुल
राजेंद्रनगर से शांति विहार
कैंट पुलिया से नीलकंठ विहार
ओगल भट्टा क्लेमनटाउन
चंदरनगर से रेलवे पटरी तक
जाखन पुराने स्टेट बैंक के पास
नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना है कि नगर निगम की जमीनों से जुड़ी पूरी विस्तृत रिपोर्ट मैने मांगी है। जहां भी कब्जे हैं, वहां उन्हें ध्वस्त किया जाएगा। कानूनी लड़ाई में तेजी लाई जाएगी। शहर में मिलाए गए नए गांवों की सरकारी भूमि का सर्वे भी किया जा रहा है। अतिक्रमण पर अधिकारी बच नहीं पाएंगे। निगम की सभी जमीनों की दोबारा पैमाइश कराई जाएगी।
100 नाला गैंग, सफाई फिर भी नहीं
नगर निगम ने पुराने और नए वार्ड के लिए 100 नाला गैंग बनाए हैं। इनका काम नाला खोलने से लेकर सफाई करना है। लेकिन मानसूनी बरसात में नालों में बह रहा कचरा निगम के नाला गैंग को आइना दिखा रहा है। हर वर्ष बरसात से ठीक पहले नालों की सफाई की निविदा की जाती है। हर बार यह व्यवस्था सिर्फ खानापूर्ति साबित हो रही है, क्योंकि नालों में हर माह कूड़ा डाला जा रहा। नालों की नित्य सफाई होनी जरूरी है।

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