हल्द्वानी : राजनीति के पुरोधा व विकास पुरुष स्व. एनडी तिवारी को भाजपा सरकार द्वारा सम्मान देने के बाद अब कांग्रेस भी उसी राह पर चलने की कोशिश में है। पूर्व सीएम हरीश रावत बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी के पैतृक गांव पदमपुरी जा पहुंचे। सोमबारी मंदिर पदमपुरी से एनडी के पैतृक आवास तक कांग्रेसजनों के साथ पद यात्रा की। एनडी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। तिवारी के स्वजनों से मुलाकात कर उन्हें शाल भी ओढ़ाया और आंगन में बैठकर रघुपति राघव राजा राम… गुनगुनाया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस पर उत्तराखंड गौरव सम्मान की शुरुआत की थी। पूर्व सीएम एनडी तिवारी समेत पांच लोगों को यह सम्मान दिया गया। स्व. तिवारी को मरणोपरांत सम्मान देने की घोषणा करते हुए धामी ने उनके योगदान को याद किया था। पिछले माह धामी स्व. तिवारी की जयंती व पुण्यतिथि के मौके पर सिडकुल का नाम स्व. तिवारी के नाम पर रखने का एलान कर चुके हैं। अब कांग्रेस भी मौके को भुनाने में जुट गई है। गुरुवार को पदमपुरी पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने एनडी तिवारी के चित्र पर तिलक किया। दीपक जलाकर पुष्प अर्पित किए और फिर हाथ जोड़कर उन्हें नमन किया। हरदा ने कहा कि एनडी तिवारी के विकास कार्यो कोई नहीं भुला सकता। कांग्रेस उनके कार्यो को आगे बढ़ाएगी।
विजय शंखनाद रैली को सीएम के कार्यक्रम के चलते अनुमति नहीं मिलने के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत गुरुवार को स्वराज आश्रम में सांकेतिक उपवास पर बैठे। उपवास के बाद हरदा ने भाजपा सरकार पर विपक्ष की आवाज कुचलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, भाजपा यशपाल आर्य की हुंकार से डरी हुई है। डरी हुई भाजपा को कांग्रेस और डराएगी। रावत ने कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र ध्वस्त कर दिया है। शंखनाद रैली की तैयारी पूरी कर ली गई थी। भाजपा ने उसी दिन सीएम का कार्यक्रम इस मंशा से तय कर दिया कि कांग्रेस की तैयारी गड़बड़ा जाए। हरदा ने कहा कि भाजपा की ऐसी बाधाओं से कांग्रेस डरने वाली नहीं है। 11 नवंबर को होने वाली विजय शंखनाद रैली से भाजपा को जवाब दिया जाएगा।