उत्तराखंड: हरीश रावत और काँगेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ढंडेरा पहुँचने पर सैकड़ो कांग्रेस कार्यकर्ताओं न स्वागत किया।
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक
रूडकी के ढंडेरा गांव में जल जंगल ज़मीन विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे प्रदेश के पूर्व मूख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार सभी मोर्चो पर विफल साबित हुई है भाजपा सरकार ने महिलाओं की पेंशन बंद कर दी गौरी देवी कन्या योजना की धनराशि को सरकार ने घटा दिया।
उन्होंने कहा कि पूर्व मूख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी उन्ही महिलाओं की हाय लगी है जिन्हें अपने पद से हटना पड़ा है। हरीश रावत ने कहा कि आज प्रदेश में आज भी ऐसे लोग जंगल में मौजूद हैं जिनके अधिकार आज तक भी उन्हें प्राप्त नहीं हुए है जंगल में निवास कर रहे वन गुजर और आसपास के लोगों के पास आज भी कोई गुज़र बसर का जरिया नहीं है।
सरकार जल जंगल और पानी बचाने में पूरी तरह से नाकाम साबित रही है हरीश रावत ने कहा कि उनकी सरकार ने बड़े पैमाने पर विकास कार्य कराए गरीब और निर्धन लोगों को पेंशन का लाभ दिया खास बात ये थी कि उनकी सरकार ने मंदिर के पुजारी मस्जिद के इमाम और गुरुद्वारे में काम करने वाले लोगों तक को पेंशन का लाभ दिया लेकिन भाजपा सरकार गरीबों के अधिकारो से ही खिलवाड़ कर रही है जिसमें वो कभी कामियाब नहीं होगी
कांग्रेस की सरकार आने पर लोगों में अलग ही ख़ुशी का माहौल होगा हर हाथ को सरकार रोजगार देगी भाजपा सरकार रोजगार छीनने का काम करती है जबकि कांग्रेस सरकार युवाओं और महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ेगी। इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य मंत्री किशोर उपाध्याय ने कहा कि जिन लोगों का जीवन जंगलों मे आधारित था सरकार ने उनका अधिकार और जीवन छीन लिया।
उसको वापस किया जाए उन्होंने कहा कि 2006 में यूपीए सरकार ने जो कानून बनाया था वन अधिकार एक्ट को उत्तराखण्ड में लागू किया जाना चाहिए। किशोर उपाध्याय ने बड़ी बेबाकी के साथ कहा कि उत्तराखंड की बहू बेटियों को केंद्र सरकार में नोकरियों में आरक्षण दिया जाए।उन्होंने कहा कि बिजली पानी का उत्तराखण्ड के लोगों से बिल नहीं लेना चाहिए।
जंगली जानवरों से जो नुकसान पहुंचता है सरकार को उसमें मुआवजा देना चाहिए। कार्यक्रम का संचालनकोंग्रेस के वरिष्ठ नेता उदय सिंह पुंडीर ने किया इस मौके पर मीरहसन,नूरहसन, गोपाल नारसन, सलीम खान, राव रियाज़ पुंडीर, आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।