उत्तराखंड :जमीन पर कब्जा

रिपोर्टर, जफर अंसारी

स्थान, पन्तनगर /लालकुआ

एंकर,पन्तनगर कि गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी के कई सरकारी भवनों पर अतिक्रमणकारियों की ओर से वर्षों से कब्जा कर भवनों पर सस्ता गले की दुकान चलने मामला प्रकाश में आया है मामले का खुलासा सूचना के अधिकार से हुआ कि विश्वविद्यालय फार्म कार्यालय के पीछे वर्षों पूर्व युनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा हल्दी गन्ना सोसायटी के बगल में गोदामों निर्माण कराया गया था उसके बाद सन् 1992 में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फूलबाग कि हल्दी मल्टी परवज सरकारी समिति लिं को कुछ भवन किराए पर दिये थे जब से अब तक भवनों पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमाये रखा है वही आज तक अतिक्रमणाकारियों ने युनिवर्सिटी प्रशासन को किराये के नाम पर एक रूपया तक नही दिया जो अब लगभग 40 लाख रूपये हो गया है वही इन अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिसे राज्य सरकार के साथ साथ युनिवर्सिटी को भी है प्रतिमाह लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।

वीओ, इधर अवैध कब्जे के संबंध में पूछे जाने पर विश्वविद्यालय फार्म के मुख्य महाप्रबंधक डीके सिंह ने बताया कि उन्हें एक आरटीआई मिली है जिसपर बिंदु प्राप्त मिले है कि विश्वविद्यालय फार्म में युनिवर्सिटी के बने सरकारी भवन है जिस पर बरसों से स्थानीय एक व्यक्ति द्वारा कब्जा है तथा उसके द्वारा भवन में सस्ते गले कि दुकान चलाई जा रही है उन्होंने कहा कि भवन किसने आवंटित किया है उसकी जांच चल रही है उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा आरटीआई को लेकर पत्रावली कि गई तथा जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

वीओ, इधर आरटीआई कार्यकर्ता राजेश सिंह ने बताया कि पन्तनगर विश्वविद्यालय फार्म के सरकारी भवनों पर स्थानीय व्यक्ति की ओर से वर्षों से अवैध कब्जा किया गया है वो उक्त भवनों पर बरसों से सस्ते गले कि दुकान चला रहा है तथा उसके द्वारा अन्य सरकारी भवनों पर भी अवैध कब्जा किया गया है उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय फॉर्म और राजनीतिक सपोर्ट कि मिलीभगत से इतना बड़ा अवैध कब्जा किया गया तथा सभी भवनों का बिजली, पानी, का बिल भी युनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा दिया जा रहा है जिसका लाभ उक्त एक व्यक्ति उठा रहा है उन्होंने कहा कि उक्त भवनों का किराया अतिक्रमणकारी पर लाखों रुपए हो गया है लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन कार्रवाई के नाम पर अपनी आंखें मूंदे बैठा है।उन्होंने जल्द ही सभी अतिक्रमीत भवनों को अतिक्रमणकारियों से मुक्त करा कर खाली कराये जाने कि मांग कि ताकि जिस उद्देश्य से भवन बनाए गए हैं उसका उपयोग हो सकें।

बाईट, डीके सिंह मुख्य महाप्रबंधक फॉर्म विश्वविद्यालय।

बाईट, राजेश सिंह आरटीआई कार्यकर्ता।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

उत्तराखंड:उत्तराखंड: भारत-चीन बॉर्डर पर 100 दिनों से बंद सड़क, सौ से ज्यादा मजदूर और पोकलैंड सहित भारी मशीनें भी फेल

Sun Sep 26 , 2021
उत्तराखंड: भारत-चीन बॉर्डर पर 100 दिनों से बंद सड़क, सौ से ज्यादा मजदूर और पोकलैंड सहित भारी मशीनें भी फेल!प्रभारी संपादक उत्तराखंडसाग़र मलिक पिथौरागढ़ जिले में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भारत-चीन सीमा के साथ ही दारमा, व्यास और चौदास वैली को जोड़ने वाली बंद सड़क को 100 दिन बाद भी 130 […]

You May Like

advertisement