उत्तराखंड:- चर्चित छात्रवृत्ति घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाले में दो बैक कर्मी गिरफ्तार,

उत्तराखंड:- चर्चित छात्रवृत्ति घोटाला,
छात्रवृत्ति घोटाले में दो बैक कर्मी गिरफ्तार,
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
सागर मलिक
त्तराखंड के चंपावत में बनबसा के देवभूमि विद्यापीठ में हुए 39.52 लाख रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी (विशेष जांच दल) ने बुधवार की रात एक बैंक प्रबंधक सहित दो बैंक कर्मियों गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों अधिकारियों पर एटीएम के सत्यापन में गड़बड़ी कर घोटाले के लिए जमीन तैयार करने का आरोप है। एसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद लोहाघाट जेल भेजा गया है। घोटाले के आरोप में 15 दिसंबर 2019 को सहायक समाज कल्याण अधिकारी सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।
एसआईटी प्रभारी और चंपावत के कोतवाल धीरेंद्र कुमार ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा की बनबसा शाखा में सेवारत रहे दोनों बैंक कर्मियों से बुधवार को पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा की बिष्टी सितारगंज शाखा प्रबंधक विशाल सिंह निवासी आदर्शनगर जिला लखीमपुर खीरी, यूपी और विकास भवन रुद्रपुर शाखा के बैंक कर्मी मोहन सिंह निवासी राजीव नगर, खटीमा, को धांधली में लिप्तता के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।

सहायक समाज कल्याण अधिकारी सहित सात पर दर्ज हुआ था मुकदमा
देवभूमि विद्यापीठ नाम की संस्था पर 2015-16 में 221 एससी और 140 एसटी छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के नाम पर 39.52 लाख रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है। पुलिस जांच में इस बात की तस्दीक हुई थी कि समाज कल्याण विभाग से मिली ये रकम छात्र-छात्राओं तक नहीं पहुंची। बनबसा थाने में 15 दिसंबर 2019 को विद्यापीठ के चार संचालक चैरब जैन, अनिल गोयल, विवेक शर्मा और गौरव जैन (निवासी हरिद्वार), खटीमा क्षेत्र के मुकेश कुमार, प्रदीप कुमार और चंपावत के सहायक समाज कल्याण अधिकारी गोपाल सिंह राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 466, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इनमें चैरब जैन, अनिल गोयल और विवेक शर्मा को कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली हुई है। एक आरोपी संचालक गौरव जैन पहले से किसी अन्य मामले में हरिद्वार जेल में है, जबकि एडीओ सहित तीन लोग जेल में हैं।

छात्र-छात्राओं के नाम पर जारी एटीएम का बैंक में कोई रिकॉर्ड नहीं
बनबसा के देवभूमि विद्यापीठ घोटाले में बैंक ने एटीएम से संबंधित सामान्य नियमों की भी अनदेखी की है। बैंक ऑफ बड़ौदा की बनबसा शाखा में चार साल पहले तैनात आरोपी दोनों कर्मियों की भूमिका संदेह के घेरे में रही है। एसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि छात्र-छात्राओं के नाम पर बनाए गए एटीएम कार्ड न तो विद्यार्थियों को दिए गए और नहीं उनका कोई ब्योरा बैंक शाखा में रखा गया।
बैंक से किसी उपभोक्ता को एटीएम जारी करने में दो अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका रहती है। लेकिन इस मामले में कार्ड बनाने वाला और कार्ड को जारी करने वाला अधिकारी एक ही था। बैंक की ओर से 361 छात्र-छात्राओं के एटीएम बनाए गए, लेकिन उसने ये एटीएम छात्र-छात्राओं को देने के बजाय विद्यापीठ के संचालकों को दे दिए गए।  इसी एटीएम से बैंक संचालकों ने धन आहरित कर घोटाले को अंजाम दिया

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

लोकतंत्र में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है आरटीआई।

Fri Jan 22 , 2021
लोकतंत्र में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है आरटीआई। हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।दूरभाष – 94161-91877 अधिनियम यशपाल सिंघलपारदर्शिता कुशल एवं प्रभावी तंत्र का प्रतीक : प्रो. सोमनाथ।कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लीगल सेल द्वारा आरटीआई अधिनियम पर व्याख्यान आयोजित। कुरुक्षेत्र, 22 जनवरी :- मुख्य सूचना आयुक्त हरियाणा यशपाल […]

You May Like

advertisement