उत्तराखंड;-हालातों के अनुरूप स्कूल खोल सकेंगे राज्य, कोविड नियमोँ का करना होगा पालन,

उत्तराखंड;-हालातों के अनुरूप स्कूल खोल सकेंगे राज्य, कोविड नियमोँ का करना होगा पालन,
रमेश पोखरियाल निशंक

प्रभारी संपादक उत्तराखंड
सागर मलिक

देहरादून पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि राज्य सरकार अपनी परिस्थितियों के अनुसार स्कूल खोल सकेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा और उनका स्वास्थ्य दोनों ही हमारे लिए बहुत अहम हैं। इसलिए राज्य सरकारों को स्कूल खोलते समय कोविड 19 महामारी को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों के स्तर पर जारी मानकों का पूरा पालन करना होगा। जब भी स्कूल खुलेंगे केंद्र के दिशा निर्देशों के तहत बच्चों की सुरक्षा और कोविड-19 के नियमों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालय में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि दुनियाभर के देश सीबीएसई पर गर्व करते हैं। 28 देशों में इसके स्कूल हैं। केंद्र सरकार इसे और सशक्त करना चाहती है। नई शिक्षा नीति पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को केंद्रीय स्कूल, नवोदय स्कूल और सीबीएसई के स्कूल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें।

मंत्री ने कहा कि वह देहरादून में वर्धा विवि के दीक्षांत समारोह से वर्चुअल रूप से जुड़े थे। कहा कि दुनिया में हिंदी विश्व की तीसरे सबसे अधिक पढ़ी और बोली जाने वाली भाषा है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि मातृभाषा में हम डॉक्टर और इंजीनियर भी बनाएंगे। संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भारतीय भाषाओं को सरकार का ओर सशक्त करने का अभियान है।
नई शिक्षा नीति पर उन्होंने कहा कि यह नीति लंबे समय बाद आई है। जिससे पूरा देश उत्साहित है। राज्य में भी इस नीति को लागू करने को लेकर प्रतिस्पर्धा है। छठीं कक्षा से लेकर व्यावसायिक शिक्षा का अध्ययन कराया जाएगा। इससे छात्र को शुरू से ही पता चल जाएगा कि उसे किस दिशा में जाना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 33 करोड़ छात्रों को कोविड के दौर में ऑनलाइन पढ़ाया। परीक्षा कराई और रिजल्ट दिया। जिनके पास इंटरनेट नहीं है। उन छात्रों तक दीक्षा पोर्टल या अन्य दूसरे माध्यमों से शिक्षा पहुंचा रहे हैं।

दुनिया का पहला देश होगा जो कक्षा छह से इंटर तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता को पढ़ाएगा। अब तक आईआईटी स्तर पर इसे पढ़ाया जाता है। नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में भाषा और विषयों का कोई बंधन नहीं है। छात्र जो विषय चाहे ले सकते हैं। उन्हें लगता है कि जिस विषय के साथ वह महारथ हासिल कर सकते हैं उस विषय को लें। इसके अलावा जब चाहे उसे छोड़ सकते हैं। एक साल में पढ़ाई छोड़ने पर उन्हें सर्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोमा और तीन साल में डिग्री मिलेगी। इसके बाद जहां से छोड़ा है फिर वहीं से शुरू कर सकते हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरिया निशंक शुक्रवार को सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचकर वर्चुअल रूप से महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह से जुड़े। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि अब विधि की पढ़ाई भी भारतीय भाषाओं में होगी। यह विश्वविद्यालय तक्षशिक्षा और नालंदा जैसे ज्ञान का वैश्विक केंद्र बनेगा। विश्वविद्यालय में विधि की पढ़ाई हिंदी माध्यम से शुरू होने जा रही है। भारतीय भाषाओं में अब अभियांत्रिकी, चिकित्सा और विधि की पढ़ाई संभव होगी।
 

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

उत्तराखंड:-कल जैमर के साये में होगी परीक्षा,

Sat Jan 9 , 2021
उत्तराखंड:-कल जैमर के साये में होगी परीक्षा,प्रभारी संपादक उत्तराखंडसागर मलिक देहरादून उत्तराखंड सेवा चयन आयोग की ओर से 10 जनवरी को प्रवर्तन सिपाही, आबकारी सिपाही और ऊर्जा निगमों में जेई के पदों पर भर्ती की परीक्षाएं कराई जा रही हैं। यह परीक्षाएं ऑफलाइन हैं लेकिन सभी परीक्षा केंद्रों पर इस […]

You May Like

Breaking News

advertisement