रुड़की
बीते साल की तरह इस सीजन में भी कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम का कारोबार कोरोना पी गया। लोगों के इन उत्पादों से दूरी बनाए जाने से ये कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। आगे भी इसमें तेजी की संभावना नहीं है। जबकि मार्च से लेकर जून तक ठंडे के कारोबार की सबसे बंपर डिमांड होती रही है। इन महीनों में ही कंपनियों, डिस्ट्रीब्यूटरों के टारगेट भी पूरे हो जाते थे। कंपनियां सामान्य दिनों में वेटिंग देती थी। अब इनकी बिक्री आधी से भी कम रह गई है। कोविड काल के चलते अब कारोबार बेहद सीमित हो गया है।
रुड़की के कोल्डड्रिंक व्यापारी राहुल गर्ग ने बताया कि अमूमन कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम साल भर बिकती है लेकिन गर्मियां शुरू होने के साथ ही इनकी बंपर डिमांड होती थी। कोरोना के चलते एहतियातन लोगों ने इनसे दूरी बना ली है। खपत आधी से भी कम हो गई है। जिसके चलते अब रोजी रोटी का संकट भी खड़ा होने लगा है। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी कोरोना के चलते कारोबार पूरी तरह से बन्द रहा और इस साल भी कारोबार ना के बराबर है, लेकिन काम करने वाले मजदूरों से लेकर बिजली का बिल व अन्य खर्च ज्यूँ का त्यू है। उन्होंने बताया कारोना महामारी में कोल्ड ड्रिंक्स की बिक्री ना के बराबर हो रही है। माल को ठंडा रखने के लिए लगातार फ्रिज चलाना पड़ता है। मगर ग्राहकों के न आने से काम ठप्प हो गया है।
आपको बता दे कोरोना के चलते वैसे तो सभी कारोबार प्रभावित हुए हैं, लेकिन सर्वाधिक झटका शीतल पेय और आइसक्रीम के कारोबार को लगा है। यह दूसरा साल है, जब सबसे ज्यादा मांग वाले सीजन में काम बंद हो गया है। एक तो बाजार बंद, दूसरे लोग भी इन उत्पादों से दूरी बनाए हुए हैं। कोल्ड ड्रिंक कंपनियां सामान्य दिनों में वेटिंग देती थी। अब इनकी बिक्री आधी से भी कम रह गई है। आइस्क्रीम कारोबारी अनिल अरोड़ा व सुभाष अरोड़ा का कहना है कि कोरोना काल में लोग ठंडी चीजों से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में आइसक्रीम का कारोबार प्रभावित हो रहा है। आलम यह है कि माल का पैसा भी पूरा नही हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी लाखों रुपये का नुकसान हो गया था। इस साल भी यहीं स्थिति है। ऐसे हालात में सरकार से वह राहत की उम्मीद करते है।
कोरोना काल में कोल्ड ड्रिंक्स से लोगों ने अब दूरी बना ली है। लोगों की पहली पसंद अब नींबू पानी व नारियल पानी बन गया है। इसके साथ ही पैकेट में आने वाले लस्सी व छाछ को भी पसंद किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में राई, हींग व सरसो का ताजा मठ्ठा खुद को तरोताजा रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। डॉक्टर भी शीतल पेय और ठंडी चीजों से परहेज बता रहे है। इस भीषण गर्मी में चिकित्सक नींबू पानी, नारियल पानी आदि चीजों के पीने की सलाह दे रहे है।