पूर्वांचल ब्यूरो/ अनुपम श्रीवास्तव
शरद पूर्णिमा की शाम काशी के दशाश्वमेध समेत कई घाटों पर अलौकिक दृश्य दिखा। एक तरफ क्षितिज से चांद शनै:-शनै: ऊपर बढ़ रहा था, ठीक इसी समय दशाश्वमेध घाट पर बांस के सहारे रस्सियों में बांधकर लटकाई गई टोकरियों में टिमटिमाते दीपक आकाश की ओर बढ़ रहे थे।अवसर था पुलिस और पीएसी के शहीद जवानों की याद में आकाशदीपों के रोहण का।
गंगोत्री सेवा समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत शरद पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक पूरे एक महीने नित्य संध्या बेला में दीपों का आकाशारोहण किया जाएगा। बुधवार की शाम कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई। इसके बाद एक तरफ वैदिक ब्राह्मणों द्वारा शांति पाठ किया जा रहा था दूसरी तरफ 34वीं और 36वीं वाहिनी पीएसी के बैंड की धुन मुखर हो रही थी। पांच वैदिक ब्राह्मणों ने मां गंगा का षोडशोपचार पूजन किया। पूजन के उपरांत मां गंगा की पवित्र जलधारा पर 101 दीप प्रवाहित किए गए। गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पं. किशोरी रमन दुबे ‘बाबू महाराज ने बताया कि गंगा के घाट पर कार्तिक माह में जलता आकाशदीप इस बात का परिचायक है कि शहीदों के प्रति हमारे मन में श्रद्धा की रोशनी कितनी उज्ज्वल है। आयोजन में दिनेश शंकर दुबे, गंगेश्वर धर दुबे, डॉ. संतोष ओझा, शांतिलाल जैन, संकठा प्रसाद समेत समिति के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। समारोह का संचालन सरिता बरनवाल ने किया।