दिल्ली से चार दिवसीय मां अन्नपूर्णा की मूर्ति यात्रा शुरू हो गई है। 15 नवंबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ काशी विश्वनाथ मंदिर में मूर्ति स्थापना करेंगे।दरअसल आज मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को केंद्र सरकार के कल्चरल मिनिस्ट्री के ओर से उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को सौंप दिया है।
बता दें कि वाराणसी से चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति वापस 15 नवंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित की जाएगी। यह मूर्ति क़रीब सौ साल पहले चोरी कर कनाडा ले जाई गई थी, जहां से भारत लाई गई है। आज मूर्ति मिलने के बाद यूपी सरकार ने बड़े धूम धाम से इस मूर्ति की शोभा यात्रा शुरू की है, जो काशी विश्वनाथ मंदिर पर पूर्ण होगी।
इस मूर्ति को आज दिल्ली से अलीगढ़ ले जाया जा रहा है वहां से 12 नवंबर को कन्नौज ले जाया जाएगा और 14 नवंबर को मूर्ति अयोध्या पहुंचेगी। अंत में, यह 15 नवंबर को वाराणसी पहुंचेगी। वाराणसी पहुंचने के बाद इसका अनुष्ठान होगा और इसे उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ मंदिर में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के शुभ अवसर काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिमा का अभिषेक करेंगे।
मां अन्नपूर्णा की इस मूर्ति को ईशान कोण में विराजित किया जाएगा। मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की ऊंचाई 17 सेंटीमीटर, चौड़ाई 9 सेंटीमीटर और मोटाई 4 सेंटीमीटर है। इसके पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्वत परिषद व अर्चकगण काशी के विद्वानों के साथ मूर्ति की स्थापना को लेकर विचार-विमर्श किया था उसके बाद ये निर्णय हुआ कि ईशान कोण में पहले भी अन्नपूर्णेश्वरी का विग्रह था।
पौराणिक कथाओं और हिंदू मान्यता के अनुसार काशी में मां अन्नपूर्णा को धन धान्य की देवी माना जाता है। इसी लिए काशी को अन्न क्षेत्र भी कहा जाता है। जगत कल्याण के लिए स्वयं महादेव ने काशी में मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। कनाडा से आयी मां अन्नपूर्णा की मूर्ति के एक हाथ में अन्न और दूसरे में ख़ीर है।
यूपी में चार माह बाद विधानसभा चुनाव भी होना है। ऐसे में इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के ज़रिए पूर्वांचल इलाक़े में बीजेपी फिर से अपना क़ब्ज़ा मज़बूत भी करना चाहती है। इस मूर्ति के सालों बाद वापस वाराणसी में प्रतिष्ठित होने के मौके को पार्टी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहती है और माना जा रहा है कि मूर्ति की शोभा यात्रा में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे ताकि इसका चुनावी लाभ भी मिले। बता दें वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन इलाक़ा भी है और संभव है कि मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रधानमंत्री भी इस कार्यक्रम में किसी न किसी माध्यम से जुड़ेंगे।