वाराणसी :पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की शुरुआत

पूर्वांचल ब्यूरो /अनुपम श्रीवास्तव

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की स्वास्थ्य सेवाओं में आधारभूत संरचना के स्तर पर वृहत्तर कार्ययोजना की शुरुआत सोमवार को ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन’ के रूप में की।

अपने संसदीय क्षेत्र काशी के मेंहदीगंज से जिस स्वास्थ्य मिशन का उन्होंने शुभारंभ किया, उसकी परिधि में देश का हर जिला आएगा। कोरोना से सबक लेकर भारत में समावेशी स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में करीब 64 हजार करोड़ की इस योजना का ध्येय जिला और ब्लाक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का आधुनिकीकरण करना है। इस मौके पर आयोजित जनसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. मनसुख मांडविया ने इस योजना की रूपरेखा रखी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मिशन को दीपावली पर देश के लिए सौगात कहा।

प्रधानमंत्री ने काशी के वैशिष्ट्य को रेखांकित किया और अपने संसदीय क्षेत्र से ही स्वास्थ्य मिशन के शुरुआत के कारक बताए। रामचरितमानस के सोरठा का उद्धरण दिया-

”मुक्ति जन्म महि जानि ग्यान खान अघ हानि कर।

जहं बस संभु भवानि सो कासी सेइअ कस न।।”

अभिप्राय यह कि जिस काशी में शिव और शक्ति साक्षात विराजते हों वह काशी मुक्ति की जन्मभूमि है, ज्ञान की खान है और समस्त कष्ट-क्लेश से मुक्ति प्रदान करने वाली है। मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य से जुड़ी इतनी बड़ी योजना की शुरुआत के लिए काशी से बेहतर और कोई जगह नहीं हो सकती। प्रधानमंत्री का संबोधन तीन बातों पर केंद्रित था। आरोग्य भारत के साथ देश में रोजगार के अवसर पैदा करना। अभाव (कोरोना काल के संदर्भ में) से आगे बढ़कर आकांक्षा की पूर्ति करना और समाज के हर तबके के लिए सस्ता या मुफ्त इलाज उपलब्ध कराना। तभी उन्होंने यह कहा कि 70 साल में जितने डाक्टर बने उतने दस से बारह साल में अब बन जाएंगे। यूपी में नौ नए मेडिकल कालेज, देश में बन रहे नए एम्स की गणना करते हुए यह समझाया कि स्वास्थ्य का यह क्षेत्र रोजगार के भरपूर अवसर पैदा करेगा। जिस भी जगह मेडिकल कालेज जैसा प्रकल्प खड़ा होता है वहां रोजगार के अनगिन अवसर पैदा होते हैं और एक शहर बस जाता है। वाराणसी में प्रधानमंत्री का संबोधन हेल्थ मिशन और काशी के सर्वांगीण विकास पर ही केंद्रित रहा। लेकिन राजनीतिक रूप से भाजपा के लिए बहुत उर्वर रहे पूर्वांचल को वे कदम-कदम पर साधते रहे। यह याद कराया कि पूर्वांचल की उपेक्षा पूर्ववर्ती काल में रही है लेकिन सात सालों में इस क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया गया है। सिद्धार्थनगर से नौ नए मेडिकल कालेज के उद्घाटन व अन्य योजनाओं को जोड़ते हुए यह बताया कि आज ही पूर्वांचल के लिए उनकी सरकार ने बड़ी योजनाओं का सूत्रपात किया है।

उन्होंने कांग्रेस के शासन काल की आलोचना की। बिना नाम लिए बोले-पहले की वह सरकार जो सबसे ज्यादा समय तक शासन में रही, उसके दौर में योजनाओं में भ्रष्टाचार और घोटाले का बोलबाला था। बुनियादी स्तर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत अभाव था। अस्पताल थे तो डाक्टर नहीं या फिर टेस्ट की सुविधा नहीं। उनकी सरकार ने गरीब और मध्यवर्ग की चिंता की। हिमाचल और उत्तराखंड का नाम लेते हुए कहा कि पूरे देश में बेहतर हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर सरकार बनाएगी। हमारे यहां कर्म का आधार आरोग्य माना गया है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किया गया निवेश उत्तम माना गया है। लेकिन आजादी के बाद से उतना नहीं किया गया जितनी देश को जरूरत थी।

इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. मनसुख मांडविया ने कहा कि पीएम की पहल से स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर हो रहा है। सरकार भविष्य की चुनौती के लिए भी अभी से तैयारी कर रही है। देश में 37 हजार नए बेड और चार हजार लैब तैयार होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की धरती से देश के लिए स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति कृतज्ञता अर्पित की। देश में मुफ्त 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाए जाने की उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री को देते हुए कहा कि पीएम केयर फंड ने यूपी में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने में बहुत सहायता की। सात वर्षों में एक भारत-श्रेष्ठ भारत का सपना पूरा हुआ है। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय व अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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