पूर्वांचल ब्यूरो/ अनुपम श्रीवास्तव
पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनें 24 अक्तूबर को करवा चौथ का व्रत रखेंगी। यह व्रत कार्तिक कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि पर किया जाता है।
चतुर्थी तिथि 23 अक्तूबर को मध्यरात्रि के पश्चात 3:02 बजे लगेगी जो अगले दिन 25 अक्तूबर को तड़के 5:44 बजे तक रहेगी।
इसलिए करवा चौथ का व्रत 24 अक्तूबर को धर्मसंगत है। ज्योतिषाचार्य विमल जैन के अनुसार इस दिन व्रती महिलाएं देवाधिदेव महादेव, माता पार्वती, भगवान गणेश एवं कार्तिकेय का पूजन करेंगी। वामनपुराण में वर्णित व्रत कथा का श्रवण किया जाता है। महिलाओं को श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल अथवा मिट्टी का करवा भरना चाहिए। इसके बाद सौभाग्य एवं शृंगार की प्रतीक वस्तुएं थाली में सजाकर पूजा स्थान पर रखना चाहिए। चंद्रोदय के बाद उनका दर्शन और अर्घ्यदान करना चाहिए। चंद्रमा का दर्शन चलनी की ओट से करने का विधान है। इस पूजा के लिए महिलाओं को लाल, पीले अथवा सुनहरे रंग के परिधान धारण करने चाहिए।