वाराणसी :
जर्मन राजदूत दशहरा मनाने बनारस आए
अनुपम श्रीवास्तव, वाराणसी l
दुनिया के जाने माने संगीतकार एवं भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे. लिंडनेर दशहरा मनाने बनारस आए हैं। गुरुवार की सुबह उन्होंने जनसामान्य की भांति नौकायन करके सुबह-ए-बनारस का लुत्फ लिया।
गुरुवार सुबह नौकायन के बाद जर्मन राजदूत ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर लिखा कि ‘वाराणसी को हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थान के रूप में माना जाता है। नदी किनारे पक्के घाट हैं। यहां गंगा के पानी से जीव शुद्ध होते हैं। मृतकों को यहां मोक्ष की कामना से लाया जाता है। इससे पहले वाल्टर जे. लिंडनेर ने गत 13 अक्तूबर को ट्वीट किया था कि इस साल दशहरा दिल्ली में नहीं मनाऊंगा। बल्कि, हिंदू धर्म के 7 पवित्र शहरों में से सबसे पवित्र शहर में, पृथ्वी पर सबसे पुराने शहर, तीर्थयात्रा के केंद्र, रहस्यवाद, मृत्यु के माध्यम से मुक्ति दिलाने वाले वाराणसी में मनाऊंगा। जर्मनी के राजदूत की संगीत के प्रति भी गजब की दीवानगी है। रिचर्ड स्ट्रॉस कंजर्वेटरी (डी) में जो कि अब संगीत और प्रदर्शन कला म्यूनिख विश्वविद्यालय का हिस्सा है, यहां से वाल्टर जे. लिंडनेर ने पियानो, बांसुरी, गिटार, बास और ऑर्केस्ट्रा का संचालन सीखा। एक ऐसा भी दौर था जब उन्होंने पैसे के लिए जर्मनी में टैक्सी और ट्रक भी चलाया।