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इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने शहीद गुण्डाधुर कृषि महाविद्यालय में

किया मशरूम उत्पादन इकाई का उद्घाटन

जगदलपुर, 27 नवम्बर 2025/ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कर्नल गिरीश चंदेल ने निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एसएस टुटेजा के साथ शहीद गुण्डाधुर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र का गत दिवस सघन भ्रमण एवं समीक्षा बैठक की। इस महत्वपूर्ण भ्रमण में कुलपति ने परिसर की विभिन्न इकाइयों का निरीक्षण किया और विशेष रूप से नवीन मशरूम उत्पादन इकाई का विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने बालिका छात्रावास में चल रहे अतिरिक्त निर्माण कार्यों का भी अवलोकन किया।
          संगोष्ठी भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में कुलपति और निदेशक विस्तार सेवाएं ने केंद्र द्वारा संचालित विभिन्न अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। जिसका संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण परिक्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र के सह-निदेशक अनुसंधान डॉ. अश्वनी कुमार ठाकुर द्वारा किया गया। कुलपति ने परियोजनाओं के तहत किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए अनुसंधान कार्यों को आगे बढ़ाने हेतु आवश्यक निर्देश भी दिए। इस अवसर पर कुलपति डॉ. चंदेल ने अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान के अंतर्गत विकसित इंद्रावती धान एवं बस्तर धान किस्मों की लोकप्रियता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया, साथ ही इन किस्मों के सत्य प्रतिरूप बीजों के उत्पादन और वितरण का लक्ष्य निर्धारित करने को कहा। इसी क्रम में अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना-मिलेट्स के अंतर्गत अनुसंधान, किसानों को प्रशिक्षण देने तथा ‘चीना’ फसल को प्रोत्साहित कर उसके क्षेत्र विस्तार के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए। कुलपति ने काजू की स्थानीय बाजार में उपलब्धता बढ़ाने हेतु केंद्र को प्रभावी रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। निदेशक विस्तार सेवाएं ने भी काजू एवं ट्यूबर फसलों की विकसित किस्मों की लोकप्रियता बढ़ाने और उनके क्षेत्र विस्तार के लिए आवश्यक कार्य करने के निर्देश दिए।
            अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान राई और सरसों तथा शुष्क खेती के अंतर्गत चल रहे अनुसंधान की समीक्षा की गई। शुष्क खेती के अनुसंधान को कुशलता पूर्वक संचालित करने पर जोर दिया गया ताकि बस्तर के सूखी पठारी क्षेत्रों में नई तकनीकों का विस्तार हो सके। वहीं नारियल परियोजना के अंतर्गत केंद्र द्वारा विकसित किस्मों के बेहतर उत्पादन हेतु सुझाव दिए गए। क्षेत्र विस्तार के लिए सघन मॉडल बनाने पर बल दिया गया और नारियल के सूखे खोल का उपयोग कर बायोचार उत्पादन का सुझाव भी दिया गया। महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. रघुनाथ सिंह नेताम ने शैक्षणिक एवं विस्तार गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की, जिस पर कुलपति ने संतोष व्यक्त करते हुए शोध एवं शिक्षण में सुधार हेतु सुझाव दिए। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. सोनाली कर द्वारा किया गया, जबकि डॉ. विकास रामटेके ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
भ्रमण कार्यक्रम के दूसरे दिन 26 नवंबर कुलपति एवं निदेशक विस्तार सेवाएं ने परिक्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र में चल रहे विभिन्न अनुसंधानों का प्रक्षेत्र में जाकर जायजा लिया और वैज्ञानिकों को अनुसंधान में नवाचार लाने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान कुलपति ने महाविद्यालय के बालक एवं बालिका छात्रावास का निरीक्षण कर छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित किया और उनकी समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु निर्देश दिए।

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