*विधानसभा चुनाव ‘2022
* विधायक अपनी सीट बचा पाएंगी,जनता ने जो कुछ कहा उससे साफ है राहें होंगी नहीं आसान।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ‘2022 की तैयारी लगभग हर दल ने अपने-अपने ढंग से शुरू कर दी है। सत्ताधारी दल ने अपने कीये विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाने की कवायद तेज कर दी है। तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने भी सरकार की टांग खींचने में अपनी ऑठो भुजाओं का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
हालांकि किसी भी दल ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
राजनीतिक पार्टियां अपने तुरूप के इक्के को बाहर निकाले उससे पहले आइए हम आपको विधानसभा से विधायकों की तस्वीर दिखाते हैं।
आखिर जनता उनके बारे में क्या सोचती है।
इसी कड़ी में घुमक्कड़ पत्रकार बिजेंन्द्र सिंह जब सगड़ी विधानसभा क्षेत्र भ्रमण के दौरान जनता की मौजूदा विधायक के बारे में राय जानना चाही तो जनता ने भी खुलकर बोलने में कोई परहेज ना करते हुए सीधी अपनी बात बतानी शुरू की जो इस प्रकार है..
रिपोर्टर- आपकी विधायक कौन है?
चाय की दुकान चलाने वाली महिला- बगले झाकते हुए, हमार विधायक सुभाष यादव हवे।
महिला को अपने विधायक का नाम तक नहीं पता था, अब आप समझिए मतदाता ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपने विधायक का नाम तक नहीं पता होता पर वोट उनका भी गिरता है। हमें लगता है उन्हें तो यह भी पता नहीं होता कि उनका अपने विधायक से किस प्रकार का सरोकार है।
एक विधायक का उनके लिए महत्व क्या है? उनके कार्य क्या है?
आपको यहां बताना जरूरी है कि ऐसे मतदाताओं की संख्या उत्तर प्रदेश की हर विधानसभा में या इसको थोड़ा और सही करूं तो देश की हर विधानसभा में अच्छी खासी है।
मुद्दे से आपको न भटकाते हुए फिर एक बार हम आते हैं सगड़ी विधायक के लेखा-जोखा पर।
चाय बेचने वाली महिला ने जो सगड़ी विधायक के 5 साल के कामों को लेकर जो नंबर दिए वो अस्पष्ट नहीं है।
रिपोर्टर का सामना एक दूसरे मतदाता से हुआ।
रिपोर्टर: अपने विधायक के किए गए 5 विकास कार्यों को बताएं?
मतदाता- बुजुर्ग आदमी- हम का बताई, जब हमारे यहां कुछ कइलही ना हई त दूसरी बात हम उनके देखलही ना हई आज तक उनके। अपने विधायक से बिल्कुल संतुष्ट नहीं नजर आ रहा था बुजुर्ग।
रिपोर्टर बिजेंन्द्र सिंह सगड़ी में घूमते रहे और लगभग 60 से 70 लोगों से मौजूदा सगड़ी विधायक के बारे में पूछा तो एक-दो को छोड़कर कोई भी अपने विधायक से संतुष्ट नजर नहीं आया।
आप अभी से कोई अपने मन में धारणा बना लें उससे पहले तटस्थ रहते हुए एक ईमानदार पत्रकार की तरह आपको बता दूं कि यह अभी मात्र कुछ लोगों की राय है अभी आगे और लोगों की राय लेना बाकी है।
लेकिन एक बात साफ है कि जो हवा दिखाई दे रही है। बिल्कुल मौजूदा विधायक जी के विपरीत बह रही है।
सगड़ी विधानसभा में सबसे बड़े मतदाता के रूप में दलित,
यादव, पटेल, ब्राह्मण जो निर्णायक भूमिका में रहते हैं।
मौजूदा समय में सगड़ी विधानसभा की सीट पर बसपा का कब्जा है। जिनके वोटर यहां प्रचुर मात्रा में है। हालांकि मौजूदा विधायक बसपा से निष्कासित की जा चुकी है। इसका मतलब साफ है कि 40 हजार दलित वोट उनके हाथ से खिसक चुका है।
अब सगड़ी विधायक जी को किसी ऐसे दल की तलाश होगी जिसकी पकड़ यादव और पटेल वोटो पर अच्छी खासी हो।
मौजूदा विधायक क्षत्रिय समाज से आती है, तो जाहीर है मौजूदा विधायक को अपने समाज से कुछ वोट पाने की उम्मीद भी जरूर होगी। हालांकि क्षत्रिय समाज भाजपा समर्थक माना जाता है।
हालांकि सगड़ी में मौजूदा विधायक वंदना सिंह को लेकर कई तरह के कयासे लगाए जा रहे हैं।
तरह-तरह की चर्चाओं में कभी उन्हें सपा से टिकट मिलने की बात कहीं जा रही तो कभी भाजपा से।
नाम ना लेने की शर्त पर क्षेत्र भ्रमण के दौरान एक व्यक्ति ने यहां तक कह दिया कि *मौजूदा समय में बंदना सिंह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के साथ विदेश दौरे पर हैं।
और उनको सपा से टिकट मिलना तय है।
वहीं दूसरी तरफ भाजपा से उनकी दावेदारी लोगों के समझ से परे है क्योंकि सगड़ी विधानसभा की दावेदारी में पहले से ही भाजपा में जमीन से जुड़े नेता मौजूद है। जो पिछले काफी लंबे समय से पार्टी की सेवा करने में लगे हैं। जिनमें प्रमुख रूप से देवेंद्र सिंह, अरविंद जायसवाल, मनीष मिश्रा, अखिलेश सिंह उर्फ गुड्डू मिश्रा, खड़ग बहादुर सिंह आदि नेता है।
इन नेताओं में से शायद ही कोई ऐसा हो जो किसी भी कीमत पर यह चाहेगा कि वंदना सिंह को भाजपा से टिकट मिले। सबसे खास बात तो यह है कि भाजपा अपने प्रत्याशियों के चयन में जो तरीका अपनाती है उसमें बंदना सिंह कहीं से भी फिट नहीं बैठती हैं।
सबसे अहम बात मौजूदा विधायक के 5 साल के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर अगर हम बात करें तो अभी तक के रुझानों में विधायक जी कि सीट बचती हुई नजर नहीं आ रही।
आप बने रहिए बिजेंन्द्र सिंह के साथ अभी सगड़ी में और घूमना बाकी है। हवा बदल भी सकती है आखिर इसी का नाम राजनीति है।
अगला पड़ाव- विधायक जी के किए गए कामों की चर्चा…