टीबी मुक्त भारत अभियान की अलख जगायेंगे ग्राम प्रधान
✍️ रिपोर्टर
कन्नौज । क्षय रोग यानि टीबी के खात्मे को लेकर चलाये जा रहे अभियानों में अब ग्राम प्रधानों की भी मदद ली जाएगी | इसी के तहत जनपद के सभी विकास खण्डों (ब्लाक) में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत ग्राम प्रधानों को क्षय रोग के विषय में संपूर्ण जानकारी दी जा रही है | उनको टीबी के लक्षणों और सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध इलाज के बारे में भी बताया जा रहा है | जिला समन्वयक टीबी व एचआईवी अखिलेश यादव ने टीम के साथ छिबरामऊ ब्लाक के एक गेस्ट हाउस में उपस्थित क्षेत्र के प्रधानों व गणमान्य लोगों को टीबी के बारे में जागरूक किया | उन्होंने बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा समय से खांसी आना ,दो हफ्ते से अधिक बुखार आना, बलगम में खून आना, वजन कम होना, भूख न लगना , रात में पसीना आना टीबी के लक्षण हो सकते हैं | टीबी एक संक्रामक बीमारी है | यह शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह ज्यादातर फेफड़े को प्रभावित करता है। इसके संक्रमण का असर रोगी के बोलने, छींकने, खांसने व थूकने की स्थिति में निकलने वाली बूँदें हवा के माध्यम से दूसरे को प्रभावित कर सकतीं हैं | प्रधानों से रोग की गंभीरता को देखते हुए कहा गया कि वह इन लक्षणों से किसी भी व्यक्ति को यदि ग्रसित पाते हैं तो उसे तत्काल सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर भेजें । वहां उपलब्ध मुफ्त जांच एवं इलाज के साथ रोगी के खाते में इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये की सुविधा का लाभ भी मिलेगा। यह भी ख्याल रखें कि ऐसे मरीजों के परिवार को किसी भी तरह के भेदभाव या दुर्व्यवहार का सामना न करना पड़े | देश से इस बीमारी को वर्ष 2025 तक समाप्त करने में एक सच्चे भारतीय नागरिक होने की भूमिका भी निभाएं । जिला कार्यक्रम समन्वयक रंजीत सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीबी की मुफ्त जांच व उपचार किया जाता है। चिकित्सक के निर्देशानुसार निश्चित समयावधि तक दवाइयां लेने से टीबी रोग पूर्ण रूप से ठीक हो सकता है। जिस किसी को भी टीबी के लक्षण नजर आते हैं तो वह जल्द से जल्द सरकारी अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवा सकते हैं। अस्पताल में बलगम की जांच बहुत जल्द तथा मुफ्त की जाती है।
कार्यक्रम में टीबी/एचबी सुभाष चन्द्र व सीमा त्रिपाठी भी उपस्थित रही।