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राजद विधायक ने मुख्य पार्षद की जाति प्रमाण पत्र की जांच कराने की क्या मांग।
डेहरी संवाददाता। राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह डेहरी डालमियानग नगर परिषद के सभापति विशाखा सिंह के द्वारा गलत जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर असंवैधानिक तरीके से गत 4 वर्षों से पद पर बने रहने की शिकायत जिला पदाधिकारी से किया है । फतेहबाद उसी ने कहा कि नगर परिषद वर्ष 2012 एवं 2017 के चुनाव में निकाय चुनाव में सामान्य जाति की थी और सामान्य सीट से चुनाव लड़कर वार्ड पार्षद बनी थी। परंतु जब नगर परिषद के सभापति का सीट अति पिछड़ी वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो गया तो उन्होंने अंचलाधिकारी के मिलीभगत से अति पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र गलत तरीके से बनवा कर सभापति के पद पर काबिज हो गई । विशाखा सिंह मूल रूप से महाराष्ट्र के नागपुर के निवासी हैं तथा उनके शिक्षण प्रमाण पत्रों से लेकर जन्म प्रमाण पत्र नागपुर का ही है और वह नागपुर में पिछड़ी वर्ग से आते हैं उनका पूरा नाम विशाखा साठोने है। राजपूताना मोहल्ला निवासी संजीत सिंह के साथ प्रेम विवाह कर वह डेहरी मे रहती है तथा उनके माता-पिता आज भी नागपुर में रहते हैं किसी भी व्यक्ति की जाति उनके पिता के आधार पर चलती है और सरकारी मान्यता दिया जाता है।। विशाखा साठोने पिछड़ी वर्ग से आती हैं और बिहार में उन्होंने गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर अति पिछड़ी जाति का लाभ प्राप्त किया है। तत्कालीन अंचलाधिकारी सीमा रानी के द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर फर्जी तरीके से इनका जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है इसमें अंचलाधिकारी भी पूर्ण रूप से दोषी हैं अतः इस मामले की जांच कराई जाए तथा विशाखा सिंह अंचलाधिकारी के ऊपर यथाशीघ्र कारवाई की जाए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक तरफ जहां अति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को आरक्षण देकर उनके उत्थान का नाटक कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उनके अधिकारी अति पिछड़े समाज के लोगों की हकमारी करने से पीछे नहीं रहे हैं।