जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी नहीं बढ़ सका मतदान प्रतिशत
2017 से पौने दो फीसदी कम हुआ मतदान
कन्नौज रविवार को हुए तीसरे चरण के मतदान में 61.56 प्रतिशत मतदान रहा। जो 2017 में हुए विधान सभा मतदान से पौने दो फीसदी कम है। 2017 में कन्नौज जिले में 63.32 फीसदी मतदान हुआ था। जबकि 2012 में 57.51 फीसदी मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने बीते तीन महीने से मतदाता जागरूकता अभियान शुरू किया था। जिसमे विद्यालयों में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए थे और जागरूकता रैलिया निकाली गई थी।
2017 में जिन पोलिंगो पर कम मतदान हुआ था वहा पर वरिष्ठ अधिकारियो ने जाकर ग्रामीणों को अधिक से अधिक मतदान करने के लिए प्रेरित किया था। आज आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वीप कार्यक्रम में मतदाता जागरूकता पर विशेष कार्यक्रम किए गए थे। चुनाव शुरू होने के पूर्व ग्राम पंचायत स्तर पर मतदाता जागरूकता रैली निकाली गई। जिससे यह उम्मीद जगी थी कि इस बार सारे रिकार्ड टूटेंगे और मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा।
रविवार को जब तीसरे चरण का मतदान शुरू हुआ तो शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लम्बी लम्बी लाइने लग गई और दोपहर एक बजे तक मतदान केंद्रों पर काफी चहल पहल रही लेकिन उसके बाद मतदान केंद्रों पर वो रौनक नहीं दिखाई दी। तीन बजे तक 50 फीसदी मतदान हुआ लेकिन उसके बाद के तीन घंटों में मात्र 11 फीसदी ही मतदान हुआ और जब आखिरी आंकड़ा आया तो लोगो को यह आश्चर्य हुआ कि पिछली बार की अपेक्षा मतदान का प्रतिशत क्यों नहीं बढ़ा ?
राजनीतिक हलकों में पौने दो फीसदी मतदान कम होने को लेकर काफी चर्चा है। इससे किसको फायदा होगा और किसको नुकसान होगा यह 10 मार्च को ही पता चलेगा। तमाम लोग चुनाव आयोग द्वारा तैयार की गई वोटर लिस्ट की भी आलोचना करते नजर आ रहे हैं। वोटर लिस्ट में नाम संबंधी गलतियों की काफी शिकायते है। पकड़िया टोला मतदान केंद्र पर मरे हुए लोगो के भी नाम दर्ज पाए गए। जिसमे संजय गुप्ता पुत्र छोटे लाल गुप्ता, ओम प्रकाश वैश्य पुत्र वसन्त लाल, कलाबत्ती पत्नी ओम प्रकाश व जग देवी पत्नी मिही लाल को मृत्यु हो चुकी है लेकिन वोटर लिस्ट में उनका नाम अभी भी दर्ज है। यह वीएलओ की घोर लापरवाही का जीता जागता सबूत है।