![](https://vvnewsvaashvara.in/wp-content/uploads/2022/07/news-3-3.png)
धान की रोपाई के समय में अधिकांश माइनरों में टेल तक पानी नहीं पहुंच सका
पूर्वांचल ब्यूरो
जिले में अब तक नाम मात्र बारिश होने से सूखे की स्थिति पैदा हो गई है। धान की रोपाई के समय में अधिकांश माइनरों में टेल तक पानी नहीं पहुंच सका है। कई माइनरों में सिर्फ तली में ही पानी दिख रहा है।
हालत यह है कि सिंचाई के अभाव में रोपाई बाधित है। ऐसे में किसानों को धान की रोपाई पिछड़ने की चिंता सताने लगी है। जिले में कृषि योग्य कुल भूमि 145295.42 हेक्टेयर है। कहने के लिए जिले में करोड़ों की लागत से बनी 391 किमी लंबी तीन नहरें हैं।
तीनों नहरों की 70 माइनरें हैं। चौधरी चरण सिंह पंप कैनाल दोहरीघाट से मऊ और बलिया मिलाकर लगभग 22 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित किए जाने की क्षमता है। रोपाई के सीजन में नहर को पूरी क्षमता से न चलाए जाने से मुख्य नहर में पानी कुलाबों से दूर है। इससे माइनरों में टेल तक पानी ही नहीं पहुंच पा रहा है।
जुलाई माह करीब आधा बीतने को है, अभी तक 13 प्रतिशत ही धान की रोपाई हो पाई है।
मधुबन क्षेत्र के बाऊडीह माइनर, नत्थूपुर माइनर, कटघरा महलू, पहाड़ीपुर, चचाईपार सहित अधिकांश माइनरों में टेल तक पानी नहीं पहुंच पाया है। साधन संपन्न किसान ही पंपिंगसेट लगाकर सिंचाई करते हैं। बोझी बाजार : मांदीसिपाह इलाके से होकर गुजरी शारदा सहायक खंड 32 में इस सीजन में अभी भी पानी नहीं आया है। ऐसे में किसानों के धान की नर्सरी तथा रोपे गए धान मुरझाने लगे हैं। किसानों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण उक्त नहर में कभी भी समय से पानी नहीं आता, जो खेती किसानी के काम आ सके। मांदीदुल्लह गांव निवासी रामनवल मौर्य, वृषकेतु मौर्य, रामरज मौर्य, इंद्रदेव प्रजापति, रामअवध पटेल, रामचंद्र राय, कमलेश राय, ज्ञानीश शुक्ल किसानों ने नहर में पानी छोड़ने की मांग की है।