पूर्वांचल ब्यूरो /अनुपम श्रीवास्तव
चौकाघाट स्थित एनडीआरएफ की बटालियन सदैव से ही वाराणसी के साथ साथ उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आपदाओं, धार्मिक स्नानों और मेलों में लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात होती रही है।
कार्तिक महीने में मनाया जाने वाला छठ पूजा त्योहार मुख्य रूप से सूर्यदेव की उपासना का पर्व है। इस पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ वाराणसी के लगभग सभी मुख्य घाटों पर तैनात की गई थी। एनडीआरएफ की छह टीमों को विभिन्न घाटों दशाश्वमेध घाट, राजघाट, खिड़किया घाट, सुन्दरीघाट, केदार घाट, शास्त्री घाट, सामने घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट, बीएलडब्लू व वराणसी से सटे जिला चंदौली के बलुआ घाट, दामोदर दास पोखरा और नजदीकी घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात किया गया था।
एनडीआरएफ की टीमें 35 नावों, वाटर एम्बुलेंस और लगभग 180 से अधिक बचावकर्मियों के साथ वाराणसी के प्रमुख घाटों पर तैनात थी। इन गोताखोर, पैरामेडिक्स, डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय व अन्य बचाव उपकरणों के साथ सुरक्षा में लगाए गए थे। छठ पूजा के पावन पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है। ऐसे समय में एनडीआरएफ के बचाव कर्मी अधिक गहरे पानी वाली जगहों को चयनित कर श्रद्धालुओं को वहा ना जाने की हिदायत दे रहे। एनडीआरएफ के बचाव कर्मी घाटों पर मोटर बोट व प्रशिक्षित गोताखोरों की सहायता से नदी में अपनी पैनी नज़र रख रहे और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार थे।
पूजा के दौरान एनडीआरएफ के बचावकर्मी समय समय पर श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुरक्षा निर्देश भी जारी करते रहे। इस अवसर पर मनोज कुमार शर्मा, कमांडेंट, 11 एनडीआरएफ ने बताया कि “छठ पूजा के दौरान पिछले वर्ष की भांति एनडीआरएफ की टीमें वाराणसी के घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात की गयी थीं। इस दौरान वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की ओर से भी सुरक्षा के बाबत लगातार जायजा और जानकारी ली जाती रही।