दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की ओर से दीपक शर्मा फार्म हाउस गुरु हरसहाय में आयोजित साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस में साध्वी सुश्री भाग्यश्री भारती जी ने भगवान श्री कृष्णा और रुक्मणी जी का विवाह प्रसंग बड़े ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया

दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की ओर से दीपक शर्मा फार्म हाउस गुरु हरसहाय में आयोजित साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस में साध्वी सुश्री भाग्यश्री भारती जी ने भगवान श्री कृष्णा और रुक्मणी जी का विवाह प्रसंग बड़े ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया
(पंजाब) फिरोजपुर 24 सितंबर [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से दीपक शर्मा फार्म हाउस गुरु हरसहाय में आयोजित साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ श्री मदभागवत कथा के सप्तम दिवस में दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्य कथा व्यास साध्वी सुश्री भाग्यश्री भारती जी ने भगवान श्री कृष्ण और रुकमणी जी का विवाह प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया यह विवाह कोई साधारण विवाह नहीं था। रुकमणी जी प्रतीक हैं जीवात्मा की और भगवान श्री कृष्ण प्रतीक हैं परमात्मा का। यह विवाह आत्मा व परमात्मा के मिलन का संकेत है। लेकिन यह मिलन कब संभव हो पाया? जब मध्य में ब्राह्मणदेव रूपी गुरु आए। क्योंकि एक गुरु ही है जो हमारे अंतः करण में उस ईश्वर का साक्षात्कार करवा कर हमारी आत्मा का मिलन उस परमात्मा के साथ करवा सकते हैं।
आगे कथा में साध्वी जी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण जी ने रुकमणी की प्रार्थना सुनी और उसे पूर्ण भी किया, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण नारी उद्धारक हैं। वह किसी नारी पर होते हुए अत्याचार को नहीं देख सकते। आज हम भगवान श्री कृष्ण के भक्त तो कहलाते हैं लेकिन उनसे प्रेरणा नहीं ले पाते। आज समाज में नारी की स्थिति देखी जाए तो अत्यंत दयनीय है। कहीं नारी का शोषण हो रहा है तो कहीं शीलभंग, कहीं उसका अपहरण तो कहीं वह दहेज की वेदी पर चढ़ा दी जाती है, कहीं उसे केवल भोग्या वस्तु समझा जाता है तो कहीं पैर का पायदान। आज आवश्यकता है नारी के प्रति समाज में जाग्रति पैदा की जाए।
साध्वी जी ने बताया की जब दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी ने समाज में नारी की ऐसी दयनीय दशा देखी तो संस्थान की ओर से महिलाओं के लिए एक प्रकल्प चलाया गया। ‘संतुलन’। संस्थान का यह प्रकल्प महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न व हिंसा के खिलाफ एक बुलंद आवाज है। इसके अंतर्गत समय-समय पर संस्थान के द्वारा अनेकों कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के लोगों को जाग्रत करने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। साथ ही साथ नारियों को ब्रह्म ज्ञान के द्वारा जाग्रति हेतु संपूर्ण समाज को ब्रह्म ज्ञान की महती आवश्यकता है।मंचासीन संत समाज ने सुमधुर भजनों का गायन किया। कथा में विशेष रूप में पंडित दया राम अयोध्या वाले, आर्यन द्विवेदी , बृजराज शरण गौतम , हनुमान प्रसाद गर्ग , डॉ राजेन्द्र एडवोकेट , रज्जू गर्ग , अश्वनी कश्मीरी मोंगा , हरजिंदर सिंह मान , टोनी गोयल , सुखचेन सेठी , राकेश धींगडा मलोट , गौरव मोंगा एडवोकेट , डॉ सार्दुल सिंह , गगन मकड़ , राम नरूला , सन्नी शर्मा , सचिन आंवला , लक्की नरूला , सुरेन्द्र कुमार उर्फ लाटू जी ने शिरकत की और प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त किया। संस्थान की ओर से स्वामी सुखदेवानंद जी ने सभी भक्तों का साधुवाद किया। हर दिन की मानिद कथा का समापन प्रभु की पावन आरती से हुआ। अंत में सभी भक्तों ने प्रभु लंगर ग्रहण किया।




