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संवाददाता – वीना गर्ग।
नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है।
चैत्र नवरात्रि के बाद अब लोगों को शारदीय नवरात्रि का इंतजार है। जानते हैं, नवरात्रि का पर्व कब है।
कुरुक्षेत्र :- उत्तरभारत के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य ज्योतिष विद्या केन्द्र के संचालक पण्डित अमित मौदगिल ने आज हमारी संवाददाता वीना गर्ग से नवरात्रि महत्व पर्व पर विशेष धर्म चर्चा करते हुए बताया कि नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व क्या है। उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना गया है। नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। नवरात्रि में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा और उपासना की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि पर मां दुर्गा की विधि पूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा के भक्त 9 दिनों तक व्रत रखकर मां दुर्गा की भक्ति में लीन रहते हैं।
नवरात्रि 2021 में कब है ?
पंचांग के अनुसार नवरात्रि का पर्व 07 अक्टूबर 2021 से आरंभ होगा। इसे शरद नवरात्रि कहा जाता है। शरद नवरात्रि का पर्व 15 अक्टूबर 2021 को समाप्त होगा।
दुर्गा पूजा कलश स्थापना कब है 2021 पं.अमित मौदगिल ज्योतिष विद्या केंद्र के अनुसार कलश स्थापना का मुहूर्त का समय
नवरात्रि का पर्व कलश स्थापना से आरंभ होता है। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 07 अक्टूबर को सुबह 06 :17 बजे से 07:07 बजे के मध्य का होगा। शरद नवरात्रि में 07 अक्टूबर को कलश स्थापना यानि घटस्थापना की जाएगी। कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि के पर्व की विधि शुरूआत मानी जाती है।
नवरात्रि प्रारंभ- 7 अक्टूबर , गुरुवार
नवरात्रि नवमी तिथि- 14 अक्टूबर , गुरुवार
नवरात्रि दशमी तिथि- 15 अक्टूबर , शुक्रवार
घटस्थापना तिथि- 7 अक्टूबर , गुरुवार
शरद नवरात्रि कब से शुरू है ?
मां शैलपुत्री की पूजा – नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा होती है।
मां ब्रह्मचारिणी- द्वितीया तिथि 8 अक्टूबर , शुक्रवार को मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
मां चंद्रघंटा की पूजा- तृतीया तिथि 9 अक्टूबर , शनिवार को मां चंद्रघंटा की पूजा होती है।
मां कुष्मांडा की पूजा- चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर , शनिवार को शरद नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है।
मां स्कंदमाता की पूजा- पंचमी तिथि 10 अक्टूबर, रविवार को मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
मां कात्यायनी की पूजा- षष्ठी तिथि 11 अक्टूबर , सोमवार को मां कात्यायनी की पूजा की जाती है।
मां कालरात्रि की पूजा – सप्तमी तिथि 12 अक्टूबर , मंगलवार को मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
महागौरी की पूजा- अष्टमी तिथि 13 अक्टूबर 2021, बुधवार, को महागौरी की पूजा की जाती है.
मां सिद्धिदात्री की पूजा – नवमी तिथि 14 अक्टूबर , गुरुवार को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
शारदीय नवरात्रि का व्रत का पारण – दशमी तिथि 15 अक्टूबर , शुक्रवार को शारदीय नवरात्रि का पारण और मां दुर्गा को विसर्जित किया जाएगा।
अमित मौदगिल
ज्योतिष विद्या केंद्र, कुरुक्षेत्र
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