नई शिक्षा नीति के आने से हम विश्व पटल पर और अधिक मजबूती से उभरेंगेः प्रो. सोमनाथ।
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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के तहत संस्थागत विकास कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार।
संस्थागत विकास कार्यक्रम 2022-2027 के तहत ऑन कैम्पस कोर्स, शोध संरचना, शिक्षण एवं परीक्षा के लिए व्यापक ढांचागत योजना तैयार।
कुरुक्षेत्र, 6 अप्रैल :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए रूपरेखा तैयार कर ली गई है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के तहत संस्थागत विकास कार्यक्रम 2022-2027 को अंतिम रूप दिया गया।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि आज नई शिक्षा नीति के आने से हम विश्व पटल पर और अधिक मजबूती से उभरेंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी। भारत विश्व का पहला ऐसा देश होगा जो शिक्षा के क्षेत्र में नई नीति से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा कर रोजगार की नई संभावनाओं के अवसर पैदा करेगा। हम सभी मिलकर अपने प्रयास, नए विचार, नए दृष्टिकोण से विश्वविद्यालय को वर्तमान व आने वाली पीढ़ियों के सपने साकार करने वाले संस्थान के रूप में विश्वविद्यालय के परिवेश को बनायें। आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश के सर्वोत्तम शिक्षण संस्थानों में स्थान रखता है। हरियाणा प्रदेश का पहला ए-प्लस ग्रेड विश्वविद्यालय बनने के बाद विश्वविद्यालय विद्यार्थी केन्द्रित, शोध आधारित उत्कृष्ट संस्थान का स्थान प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है। परन्तु इस गति को बढ़ाने के लिए सभी को अपने योगदान को भी बढ़ाना होगा।
विश्वविद्यालय के रूप में हम अपने कार्य की गुणवत्ता को बढ़ाते हुए इसकी उत्कृष्टता के लिए अपनी ओर से कुछ न कुछ जोड़ते रहेंगें। राष्ट्र प्रथम की भावना राष्ट्र जीवन की ऊंचाईयां को बढ़ाती है। विश्वविद्यालय प्रथम की भावना से विश्वविद्यालय को शिखर पर पहुंचा सकती है।
कुलपति ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत 2022 से स्नातक स्तर के ऑन कैम्पस पाठ्यक्रमों के लिए मल्टीपल एंट्री-एग्जिट प्रणाली प्रस्तावित किया गया है जिसमें सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, बेचलर एवं बेचलर विद ऑनर्स सर्टिफिकेशन शामिल हैं। विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर कोर्सिज को भी संशोधित प्रारूप में स्नातक पास करने वाले विद्यार्थियों के लिए अनुकूल बनाया जाएगा। इसके साथ ही डॉक्टरेट पाठ्यक्रमों में नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक संशोधन तय समय में किए जाएंगे। लर्निंग को बढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम के साथ इंटर्नशिप एवं वर्क इटिग्रेशन को जोड़ा जाएगा। इसके साथ उद्योग एकीकृत कोर्सिज के लिए विभिन्न निकायों एवं इंडस्ट्रीज के साथ एमओयू व टाईअप किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हो सकें।
किसी भी उच्चकोटि के शिक्षण संस्थान की पहचान मुख्यतः शिक्षण एवं शोध कार्यों द्वारा होती है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की पहचान हमेशा ही उसके अनुसंधान और रचनात्मक प्रयास रहे हैं। नैक द्वारा ए प्लस ग्रेड प्राप्त कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने, ज्ञान, नवाचार एवं सृजनात्मकता को बढ़ाने के लिए सदैव कटिबद्ध है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की डीन अकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर मंजुला चौधरी ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति 2020 के तहत् व्यावसायिक उद्योग, सरकारी और गैर-सरकारी संगठन के साथ मिलकर सामाजिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सामंजस्य स्थापित करेगा। सामाजिक रूप से प्रासंगिक अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अच्छे शोध प्रकाशनों, शोध पेटेंट, अनुसंधान परियोजनाओं और परामर्श के माध्यम से अनुसंधान की संस्कृति को और मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही शिक्षण एवं शोध अनुसंधान के लिए ऐसा वातावरण तैयार किया जाएगा जिसमें अत्याधुनिक ढांचागत सुविधाओं, कर्मचारियों एवं छात्रों के लिए बुनियादी सहायता, अनुसंधान के क्षेत्र में निवेश, संकाय प्रशिक्षण एवं शोधार्थी को बढ़ावा दिया जाएगा।
शिक्षण में नवीनतम तकनीक तथा मॉड्यूलर दृष्टिकोण के लिए अकादमिक बैंक क्रेडिट स्थापित किया जाएगा। परीक्षा और मूल्यांकन संबंधित पाठ्यक्रमों के प्रारूप के अनुसार क्लास रूम शिक्षण, ऑनलाइन फॉर स्वयम्, यूनिवर्सिटी प्लेटफार्म, इंटर्नशिप, कोकरिकुलर गतिविधियों और अन्य से माध्यम से अर्जित क्रेडिट को मान्यता प्रदान की जाएगी।