शोध और कौशल विकास के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के साथ कुवि को बनाएगा उत्कृष्टता का केन्द्रः प्रो. सोमनाथ।
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कुवि एकेडमिक कौंसिल की 122 वीं बैठक सम्पन्न।
कुरुक्षेत्र, 3 मार्च :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की 122 वीं एकेडमिक कौंसिल की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में 88 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई और सभी मुद्दों को सर्वसम्मति से पारित किया गया। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण इस बैठक का आयोजन लगभग 2 वर्ष के बाद हुआ। एकेडमिक कौंसिल की बैठक में सभी सदस्यों ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा का उनकी इस पहली बैठक में अभिनंदन व स्वागत किया। कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने कौंसिल के नवनियुक्त सदस्यों का स्वागत किया।
कुलपति ने कहा कि एकेडमिक कौंसिल की आगामी बैठक समयानुसार की जाएगी। बैठक में विश्वविद्यालय में कार्यरत अनुबंधित शिक्षकां की पीएचडी कोर्स वर्क करने की मांग को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। अब विश्वविद्यालय के अनुबंधित शिक्षक अपने पीएचडी कोर्स वर्क को अपनी नौकरी के दौरान छुट्टी लेकर कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के सभी विभागों के पाठ्यक्रम में सीबीसीएस और एलओसीएफ प्रणाली सत्र 2020-21 से लागू करने की मंजूरी प्रदान की गई। यह प्रणाली लागू करने वाला कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा प्रदेश का प्रथम विश्वविद्यालय होगा। नई शिक्षा नीति 2020 को भी जल्द विश्वविद्यालय में लागू करने के लिए संकल्प लिया गया। विश्वविद्यालय के फिलासफी विभाग में श्रीमद्भगवद् गीता अध्ययन केन्द्र स्थापित करने को अनुमति दी गई। महात्मा गांधी संस्थान मारीशस और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बीच सतत् शान्ति और भगवद् गीता पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पीठ स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। डॉ. बीआर अम्बेडकर स्टडी सेंटर में विद्यार्थियों के कौशल विकास को विकसित करने के लिए टैली कोर्स करवाने के लिए मंजूरी प्रदान की गई।
कुलपति सहित एकेडमिक कौंसिल के सभी सम्मानित सदस्यों ने हिन्दी विभाग से सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. जय भगवान गोयल को पद्म श्री पुरस्कार मिलने पर बधाई दी। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को इतनी बड़ी उपलब्धि मिलना विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है। हिंदी विभाग से सेवानिवृत्त प्रो. लाल चंद गुप्त मंगल, अंग्रेजी विभाग के पूर्व प्रोफेसर डॉ. दिनेश दधिचि व आईआईएचएस विभाग के हिन्दी विभाग के शिक्षक डॉ. महासिंह पूनिया को हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कार मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई।
कुलपति डॉ. सोमनाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय के विकास के लिए भविष्य की योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए चर्चा की। कुलपति ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा लागू नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए सभी शिक्षक व सदस्य अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय बीए, बीकाम व एमकाम कोर्सो को आनॅलाईन माध्यम के द्वारा जल्द ही शुरू करेगा। इसी के साथ सभी विभागों में वेल्यू एडिड कोर्सिज को शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। विश्वविद्यालय में शोध एवं विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए नियमों का सरलीकरण जल्द ही किया जाएगा। औद्योगिक ईकाईयों के साथ शोध के क्षेत्र में फंडिग आधारित एमओयू किए जांएगे। विश्वविद्यालय के एल्यूमनाई को भी रिसर्च और विकास के लिए फंडिंग देने के लिए भी विस्तृत योजना बनाई जा रही है। विश्वविद्यालय के युवा शिक्षकों को रिसर्च हेतु लघु अनुदान देने के लिए योजना बनाई जा रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय के पेंटेट की संख्या व शोध व शोध पत्रों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी सभी से आह्वान किया। इस बैठक में डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजुला चौधरी, डीन आफ कालेज प्रो. अनिल वोहरा, सभी संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, निदेशक, परीक्षा नियंत्रक सहित एकेडमिक कौंसिल के अन्य सदस्य मौजूद रहे।