फेफड़ों में ही नहीं औरतों को गर्भाशय में भी हो सकता है टीबी-डॉ.मनप्रीत कौर

कन्नौज

फेफड़ों में ही नहीं औरतों को गर्भाशय में भी हो सकता है टीबी-डॉ.मनप्रीत कौर
जिला संवाददाता प्रशांत कुमार त्रिवेदी
सचेत रहें सतर्क रहें और टीबी को मात दें अमिताभ बच्चन का वो ऐड याद है? काफ़ी पुराना है| जिसमें वो कहते हैं-तीन हफ़्तों से ज़्यादा खांसी आ रही है तो टीबी की जांच अवश्य कराएं| टीबी बोले तो ट्यूबरक्लोसिस| ये शब्द सुना बहुत बार होगा| दिमाग में इस बीमारी की एक तस्वीर भी है| वही बीमारी जिसमें खांस-खांसकर जान चली जाती है| टीबी एक ऐसी बीमारी है जो बैक्टीरिया की वजह से होती है| अब आमतौर पर हमें लगता है कि ये बीमारी फेफड़ों में होती है| पर ये सही नहीं है| टीबी कहीं भी हो सकता है| ख़ासतौर पर औरतों को यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारीडॉ.जे.जे.राम का | डीटीओ ने कहा कि टीबी आपके प्रजनन करने बाले अंग में भी हो सकता है| यानी वो सारे अंग जो बच्चा पैदा करने में आपकी मदद करते हैं|
इस बारे में जिला चिकित्सालय कन्नौज में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.मनप्रीत कौर का कहना है कि ‘इस तरह के टीबी को पेल्विक ट्यूबरक्लोसिस कहते हैं| इस तरह का टीबी महिलाओं के प्रजनन अंग में होता है |जैसे कि आपके गर्भाशय और उससे जुड़े फैलोपियन ट्यूब में भी यह रोग हो सकता है | डॉ.मनप्रीत ने कहा कि माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस ये एक तरह के जीवाणु होते हैं| यही सारी मुसीबत की जड़ हैं| मतलब शरीर में इनकी एंट्री और टीबी की शुरुआत, अगर शरीर के किसी और हिस्से में ये बैक्टीरिया घर कर जाए तो ये आपके प्रजनन अंग तक पहुंच सकते हैं,|
डॉ.मनप्रीत कहती हैं कि शुरुआती दौर में इस तरह के टीबी का पकड़ में आना थोड़ा मुश्किल होता है| कई लोग इसे कैंसर भी समझ लेते हैं, पर ये कैंसर नहीं है| ये तब सामने आता है जब औरत चाहकर भी मां नहीं बन पा रही होती| इसके कुछ लक्षण थकान, हल्का बुखार, पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, वजाइना से सफ़ेद पानी निकलना, पीरियड्स ठीक समय पर न होना होते हैं| साथ ही कहा कि इसके बारे में जानने के लिए एक टेस्ट होता है, इसे कहते हैं ट्यूबरकुलीन स्किन टेस्ट| ये शरीर में किसी भी हिस्से में होने वाले टीबी के बारे में पता लगा लेता है| आपके पेट के निचले हिस्से का अल्ट्रासाउंड भी इस बीमारी का पता लगा सकता है| इसलिए ज़रूरी है कि अगर आपको बताए गए सारे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो डॉक्टर से मिलिए| साथ ही कहा कि पेल्विक ट्यूबरक्लोसिस का इलाज इस पर निर्भर करता है कि कंडीशन कितनी सीरियस है, दवाइयों से लेकर सर्जरी तक की जा सकती है| साथ ही कहा की पेल्विक ट्यूबरक्लोसिस को प्रजनन अंग तक आने से रोकने का तरीका है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि शरीर के किसी और हिस्से में टीबी तो नहीं है; वरना उसके फैलने की संभावना अधिक हैं| क्योंकि टीबी फैलने वाली बीमारी है, इसलिए ज़रूरी है कि आप उन लोगों से थोड़ा दूर रहें जिन्हें टीबी है| दूरी का मतलब उनका जूठा खाना न खाएं| वो खांसे या छींके तो दूरी बना लें|

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