जन जागरण शक्ति संगठन के महिला शिविर के दूसरे दिन भी जोश से भरी रही महिलाएं।
10 मार्च सावित्री बाई की पुण्यतिथि पर होगी रैली और नुक्कड़ सभा
अररिया
जन जागरण शक्ति संगठन की महिला कार्यकर्ताओं के शिविर के दूसरे दिन महिलाओं ने नारीवाद, न्याय, समानता पर चर्चा की और महिला आन्दोलन को बढाने की बात की. शिविर “चुप्पी तोड़ो, हिंसा रोको”, “पितृसत्ता धोखा है, ख़तम करो मौका है” और “साथी चाहिए,मालिक नहीं” के नारों से गुंजायमान रहा. महिलाओं पर हो रही हिंसा की बात प्रमुखता से चर्चा में रही।
8मार्च को हुई कार्यशाला में कटिहार से आई रीना देवी ने कहा की महिलाओं के सहकर बिना हर काम अधूरा है. वहीं अररिया जिला की मांडवी देवी ने कहा औरतें एक हैं पर उन्हें जाती, धर्म और वर्ग में बाँट कर अकेला महसूस कराया जाता है. विभिन्न सत्रों में महिलाओं ने महिलाओं पर होने वाली हिंसा, भेद भाव और अत्याचार को समझने की बात की. शिविर में महिला दिवस के इतिहास और आज के समय में उसके महत्व पर बात करते हुए तन्मय ने कहा की औरतों का संघर्ष सिर्फ उनकी पहचान तक सीमित नहीं रहा है बल्कि युद्ध के विरुद्ध और प्रेम के पक्ष में रहा है. पहले दिन का अंत बॉलीवुड फिल्म दंगल देख कर हुआ.
इस महिला दिवस समारोह में अररिया और कटिहार जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों की महिला शामिल हैं .
महिलाओं ने यह तय किया कि शिविर का समापन 10 मार्च जो महिला आन्दोलन की पुरोधा सावित्री बाई फुले का पुण्य तिथि है, को होगा और इस दिन पर शहर में एक रैली निकाली जायेगी. 10 मार्च को यह रैली बस स्टैंड अररिया से सुबह 11 बजे निकल कर चांदनी चौक तक जायेगी जहां एक जनसभा का आयोजन होगा।इस मौके पर
डोली, तन्मय, मांडवी देवी, कामायनी स्वामी, उषा देवी, संजीदा खातून, फूलकुमारी देवी, रीना देवी और जेजेएसएस के साथी शामिल थे।