वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
प्रेरणा संस्कृति संग्रहालय की गतिविधियों में रहा है बुजुर्गों का अहम योगदान।
कुरुक्षेत्र, 20 नवम्बर : प्रेरणा वृद्धाश्रम स्थित प्रेरणा संस्कृति संग्रहालय में बुजुर्गों के साथ विश्व विरासत दिवस मनाया गया। उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न राज्यों से अनेकों बुजुर्ग प्रेरणा वृद्धाश्रम में आश्रय लिए हुए हैं। यही बुजुर्ग प्रेरणा संस्कृति संग्रहालय की गतिविधियों में विशेष सहयोग कर रहे हैं। वृद्धाश्रम में आयोजित विश्व विरासत दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रीयता से जुड़े विद्वान रणजीत सिंह, बलबीर सिंह एवं कृष्ण चंद्र रंगा विशेष रूप से पधारे। कार्यक्रम का मंच संचालन प्रेरणा संस्कृति संग्रहालय के अध्यक्ष हरिकेश पपोसा ने किया। कार्यक्रम में प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक एवं संचालक डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि विरासत को संभाल कर रखना, सहेज कर रखना, संजो कर रखना अति आवश्यक है। ताकि आने वाली पीढ़ी को बताया जा सके कि उनके बुजुर्गों की जीवन शैली कैसी थी, वे कैसे वस्त्र पहनते थे, उनका खान पान कैसा था, कैसे खेती होती थी और कैसे जीवन यापन करते थे। किन परिस्थितियों में वे अपना जीवन यापन करते थे। अगर हम विरासत को सहज कर नहीं रखेंगे तो आने वाली पीढ़ी इन सभी बातों से अनभिज्ञ रह जाएगी। इस अवसर पर विद्वान रणजीत सिंह सेमी ने कहा कि मैं प्रेरणा वृद्धाश्रम देखकर गदगद हूं और इन्होंने जिस तरह विरासत को संभाल कर रखा हुआ है व सहेज कर रखा हुआ है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। मंच संचालक हरिकेश पपोसा ने कहा कि हम सब उन लोगों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने अपनी बहुमूल्य वस्तुएं तथा अपने बुजुर्गों की निशानियां उपहार स्वरूप प्रेरणा संस्था को दी हैं। प्रेरणा अध्यक्षा रेणु खुंगर ने कहा कि यह विरासत हमारे बुजुर्गों की निशानियां है और हमें इन को सहेज कर रखना चाहिए। कार्यक्रम में वृद्धाश्रम के बुजुर्ग विजय अग्रवाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर उषा सच्चर, क्षमा मल्होत्रा, बलविंदर कौर, सीता, चरणजीत कौर, शकुंतला, सुरक्षा, मंगत सिंह, अश्विनी अग्रवाल, जोगिंदर, बी. श्रीवास्तव, चंद्रकांत डी. ठक्कर, पंकज मेहता, विजय अग्रवाल, कश्मीरी लाल जैन व नन्द लाल गुप्ता इत्यादि भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में बुजुर्ग एवं अतिथि गण।