द्विजदेनी क्लब द्वारा विश्व वृद्ध दिवस का आयोजन
फारबिसगंज (अररिया) संवाददाता
आरएनएन। स्थानीय प्रोफेसर कॉलनी स्थित पीडब्लूडी के प्रागंण में पं. रामदेनी तिवारी ‘द्विजदेनी’ क्लब द्वारा विश्व वृद्ध दिवस का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता बाल साहित्यकार हेमन्त यादव ‘शशि’ और संचालन सुनील दास ने किया। इस अवसर पर परिषद् के वरिष्ठ सदस्य वयोवृद्ध साहित्य प्रेमी शिवनारायण चौधरी को द्विजदेनी क्लब के सौजन्य से सभाध्यक्ष श्री यादव, पूर्व प्रधानाध्यापक सुरेन्द्र प्रसाद मण्डल एवं पूर्व प्रधानाध्यापक श्यामानन्द यादव द्वारा शॉल ओढाकर डायरी, पुस्तक, कलम आदि उपहार प्रदान कर सम्मानित किया गया। मौके पर सम्मानित साहित्यप्रेमी श्री चौधरी ने बताया कि वें पलासी (नरपतगंज) के मूल निवासी हैं, और वर्तमान में प्रोफेसर कॉलोनी में अपना मकान बनाकर रहते हैं। शिक्षा प्राप्ति के बाद पीडबल्यूडी में हीं चालीस वर्ष नौकरी के पश्चात वे 1995 मे सेवानिवृत्त हुए। अभी उनकी उम्र 85 वर्ष है फिर भी नियमित रूप से संस्था की समारोह में उपस्थित होते हैं। सम्मानित होने पर वे हर्ष एवं गर्व का अनुभव करते हैं। इस अवसर पर हिन्दी सेवी एवं क्लब के उपसचिव अरविन्द ठाकुर ने बतलाया कि संयुक्त राष्ट्र ने बुजुर्गों के प्रति हो रहे दुर्व्यवहार और अत्याचार को समाप्त करने के लिए और आमजन में जागरुकता फैलाने के लिए 14 दिसम्बर 1990 को यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को अन्तराष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया जाएगा। क्लब के सचिव विनोद कुमार तिवारी ने कहा आधुनिक युग में समाज और घर-परिवार में बुजुर्गों की अवहेलना हो रही है। इसलिए बच्चों को श्रवण कुमार की मातृ-पितृ भक्ति की कथा सुनाते रहना चाहिए। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द के अनुसार “हमारा नैतिक कर्तव्य अपने माता पिता के प्रति भक्ति भाव रखना है।” स्कूली बच्चों को हमेशा यह समझाने की जरूरत है। अंत में सभाध्यक्ष श्री यादव ने कहा कि इस अवसर पर अपने आस पास के वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करने एवं उसके सम्बन्ध में चिंतन करना आवश्यक है। आजकल वृद्ध समाज उपेक्षा का शिकार है और अत्याधिक कुढाग्रस्त है। वृद्ध समाज इस बात से दुखी है कि जीवन का विशद अनुभव होने के बावजूद कोई उनकी राय लेना नहीं चाहता है और न ही उनकी राय को महत्व देता है। वृद्ध समाज को इस संत्रास से छुटकारा दिलाना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। इस दिशा में ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। मौके पर बह्मदेव पासवान, पलकधारी मंडल, शिवशंकर तिवारी आदि उपस्थित थे।