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पापाकुंशा एकादशी का महत्व।
कुरुक्षेत्र : आज पापाकुंशा एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। इस व्रत के दिन मौन रहकर भगवद् स्मरण करना चाहिए। इसके साथ ही भजन-कीर्तन करने का विधान है। बता दें कि पापाकुंशा एकादशी पर भगवान श्री हरि विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप को पूजा जाता है। माना जाता है कि इस व्रत के दौरान भगवान विष्णु की उपासना करने से मन पवित्र हो जाता है। इसके साथ ही आपने कई सद्गुणों का समावेश होता है। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को कठिन तपस्या के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
व्रत की अनूठी कथा-
पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक इस व्रत का संबंध एक क्रूर बहेरिया से है। विंध्य पर्वत पर रहनेवाले इस बहेलिए ने पूरा जीवन पाप करने में ही बिता दिया था,पर मौत के बाद उसे मोक्ष मिल गया। दरअसल महर्षि अंगिरा के कहने पर उसने अंतिम दिन पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा और विश्वासपूर्वक विष्णु आराधना की थी। इसके प्रभाव से उसके सारे पाप मिट गए।