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हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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छाया – पंडित धर्मवीर, कामाख्या ज्योतिष केंद्र।
कुरूक्षेत्र,6 अप्रैल : जय मां दुर्गा जय श्री महाकाल ट्रस्ट कुरूक्षेत्र द्वारा चैत्र नवरात्रों के उपलक्ष्य में करवाए जा रहे श्री दुर्गा शतचंडी पाठ महायज्ञ में बुधवार को मां दुर्गा के स्कन्दमाता स्वरूप की पूजा हुई। कार्यक्रम आयोजक राजेश मौदगिल परिवार, अंकुश गुप्ता,सतीश गुप्ता और भीम सिंह परिवार ने एवं यजमानों ने कालेश्वर महादेव मंदिर के समीप मां बाला सुंदरी त्रिपुरेश्वरी श्री दुर्गा देवी यज्ञशाला मंदिर में पूजन किया। कार्यक्रम में उज्जैन से आए बृज परिक्रमाचार्य नागा संन्यासी महंत गुप्तगिरी महाराज (जूना अखाड़ा) के सान्निध्य में यज्ञाचार्य पंडित भरत बिंजोला ने यजमानों से हवन में आहुतियां डलवाई।हवन के पश्चात कन्यापूजन और महिला श्रद्धालुओं द्वारा कीर्तन किया गया।मां दुर्गा के स्कन्दमाता स्वरूप की व्याख्या करते हुए महंत रूद्र पुरी महाराज प्यौदा (कैथल) ने कहा कि आदिशक्ति जगत जननी माँ दुर्गा का पंचम रूप स्कन्दमाता के रूप में जाना जाता है। भगवान स्कन्द कुमार (कार्तिकेय) की माता होने के कारण दुर्गा जी के इस पांचवे स्वरूप को स्कंद माता नाम प्राप्त हुआ है।सिंह के आसन पर विराजमान तथा कमल के पुष्प से सुशोभित दो हाथो वाली यशस्विनी देवी स्कन्दमाता शुभदायिनी है।भगवान स्कन्द जी बालरूप में माता की गोद में बैठे होते हैं इस दिन साधक का मन विशुध्द चक्र में अवस्थित होता है।स्कन्द मातृस्वरूपिणी देवी की चार भुजायें हैं, ये दाहिनी ऊपरी भुजा में भगवान स्कन्द को गोद में पकडे हैं और दाहिनी निचली भुजा जो ऊपर को उठी है,उसमें कमल पकडा हुआ है। माँ का वर्ण पूर्णतः शुभ्र है और कमल के पुष्प पर विराजित रहती हैं।इसी से इन्हें पद्मासना की देवी और विद्यावाहिनी दुर्गा देवी भी कहा जाता है। इनका वाहन भी सिंह है।माँ स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं।इनकी उपासना करने से साधक अलौकिक तेज की प्राप्ति करता है।यह अलौकिक प्रभामंडल प्रतिक्षण उसके योगक्षेम का निर्वहन करता है।एकाग्रभाव से मन को पवित्र करके माँ की स्तुति करने से दुःखों से मुक्ति पाकर मोक्ष का मार्ग सुलभ होता है। इनकी आराधना से विशुद्ध चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वतः प्राप्त हो जाती हैं।इनकी आराधना से मनुष्य सुख-शांति की प्राप्ति करता है।कार्यक्रम में पण्डित कंवर पाल भुस्तला,राकेश मौदगिल, मोनू पंडित, सौरव पंडित,रमेश शर्मा बारवा, आशुतोष, राहुल, मोहित, रमाकांत पाठक, पंकज तिवारी, लवकेश व्यास, शौर्य पंडित वृंदावन, अमित शुक्ला, गोपाल, रक्षित, हर्षित और राधेश्याम आदि शामिल रहे।