प्रांतीय छत्तीसगढ़ी साहित्य सम्मेलन में जिले के साहित्यकारों ने किया सहभागिता

” जिले के डॉ. देवधर महंत को मिला डॉ. बलदेव साहू स्मृति सम्मान” 

जांजगीर:- प्रांतीय छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के 24 वे छत्तीसगढ़ी साहित्य सम्मेलन में जांजगीर जिले के साहित्यकारों ने सहभागिता किया। रायपुर के दूधाधारी सत्संग भवन में 26 फरवरी को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केशरी लाल वर्मा के मुख्य आतिथ्य एवं दूधाधारी मठ रायपुर के पीठाधीश्वर राजेश्री महंत डॉ. राम सुंदर दास की अध्यक्षता में सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। समिति के संरक्षक एवं पूर्व अध्यक्ष डॉ. जे.आर. सोनी विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन थे। "छत्तीसगढ़ी के बाढ़त अउ बगरत स्वरूप"  शीर्षक पर व्याख्यानमाला का आयोजन हुआ जिसमें वरिष्ठ कथाकार डॉ. परदेशी राम वर्मा, महिला साहित्यकार डॉ. सरला शर्मा एवं डॉ. सुधीर शर्मा ने अपने विचार रखते हुए छत्तीसगढ़ी भाषा के स्वरूप एवं छत्तीसगढ़ी साहित्य के विकास यात्रा के संबंध में विस्तृत व्याख्यान दिया। छत्तीसगढ़ी साहित्य के विकास और समृद्धि के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले साहित्यकारों की स्मृति में "साहित्यकार स्मृति सम्मान समारोह" के अंतर्गत बेहतरीन कार्य करने वाले साहित्यकारों का सम्मान किया गया जिनमें हरि ठाकुर सम्मान सीताराम साहू 'श्याम' को, सुशील यदु सम्मान बंधु राजेश्वर खरे को, डॉ. बलदेव साहू सम्मान जांजगीर जिले के साहित्यकार डॉ. देवधर महंत को, केयूर भूषण सम्मान चंद्रहास साहू को, लक्ष्मण मस्तूरिया सम्मान एम.डी. मानिकपुरी एवं देवकांत यदु को, मिथलेश साहू सम्मान श्रीमती सावित्री कहार एवं श्रीमती प्रमिला रात्रि को, राकेश सोनी स्मृति सम्मान फिल्म कलाकार ओम त्रिपाठी को, हेमनाथ यदु स्मृति सम्मान रामेश्वर शर्मा को, शिव कुमार यदु शिकुम स्मृति सम्मान रसिक बिहारी अवधिया को, डॉ. निरुपमा शर्मा स्मृति सम्मान श्रीमती बसंती वर्मा को एवं पं. अमृतलाल दुबे स्मृति सम्मान राजेंद्र कुमार पांडेय को प्रदान किया गया। 

     प्रथम सत्र में प्रांतीय छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के अध्यक्ष कान्हा कौशिक ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रथम सत्र में छत्तीसगढ़ के कई साहित्यकारों के पुस्तकों का पाठ्यार्पण किया गया जिसमें शिवरीनारायण के ग्राम तुस्मा  निवासी अशोक पटेल द्वारा रचित "हौसले की उड़ान" काव्य संग्रह शामिल है। प्रथम सत्र का संचालन राजेश कुमार मानस के द्वारा किया गया।

     द्वितीय सत्र में छत्तीसगढ़ी भाषा को विस्तार एवं समृद्ध करने के लिए आयोजित प्रदेश स्तरीय छत्तीसगढ़ी निबंध प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा कर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया इसके पश्चात सम्मेलन में पहुंचे साहित्यकारों की उपस्थिति में प्रांतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जिसका संचालन गीतकार बलराम चंद्राकर ने किया। कवि सम्मेलन में जिले की साहित्यकारों ने अपनी छत्तीसगढ़ी रचनाओं के द्वारा श्रोताओं का ध्यान आकृष्ट किया। इस साहित्य सम्मेलन में जांजगीर जिले के अध्यक्ष सुरेश पैगवार, सचिव संतोष कश्यप के साथ हजारीलाल कुर्रे, रामनारायण प्रधान, प्रो. गोवर्धन प्रसाद सूर्यवंशी, अशोक पटेल एवं अहिबरन पटेल ने सहभागिता किया। छत्तीसगढ़ प्रांतीय साहित्य सम्मेलन में प्रदेश भर के वरिष्ठ साहित्यकारों ने सहभागिता किया जिसमें रामेश्वर वैष्णव, पीसी लाल यादव, अरुण कुमार निगम, मीर अली मीर, विनोद वर्मा, श्रीमती शकुंतला तरार, राजभाषा आयोग के सचिव अनिल भतपहरी सहित अन्य साहित्यकार सम्मिलित हैं। 24 वे प्रांतीय अधिवेशन में भाग लेने पर जांजगीर के साहित्यकारों ने हर्ष प्रकट करते हुए सहभागिता करने वाले साहित्यकारों को शुभकामनाएं प्रेषित किया है।

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