यज्ञ है हमारे जीवन और प्राणों का आधार : हरिओम महाराज

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

थीम पार्क में 501 कुंडीय लक्षचंडी महायज्ञ का तीसरा दिन।

कुरुक्षेत्र, 24 अक्तूबर :
मां मोक्षदायिनी गंगाधाम ट्रस्ट ऋषिकेश-हरिद्वार द्वारा रविवार को थीम पार्क में 501 कुंडीय लक्षचंडी महायज्ञ के तीसरे दिन दूर-दूर से आए यजमान शामिल हुए। लक्षचंडी महायज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा गोल्डी ने बताया कि संरक्षक हरिओम जी महाराज के संरक्षण एवं महामंडलेश्वर डा. प्रेमानंद के मार्गदर्शन में करवाए जा रहे इस अनुष्ठान में आज प्रात : कालीन वेला में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के ए.जी. डॉ. कृष्ण कुमार चहल,सुरेश नेहरा, डॉ. ऋषि पाराशर, डॉ. बलवन्त,नरेश आनंद सरस्वती, राजेश अरोड़ा, सिमरन अरोड़ा,सतीश राणा, विजयंत बिंदल, हरीश शर्मा,जनकराज सिरसा, बी.डी.गौड़ चंडीगढ़, सीमा लोहिया, ममता गोयल सिरसा व रेणु खुग्गर सहित अन्य मुख्य यजमानों ने देव पूजन में हिस्सा लेकर यज्ञ में आहुतियां दी। यज्ञ के पश्चात अपराह्नकालीन वेला में प्रवचनों के दौरान स्वामी हरिओम महाराज ने यज्ञ की महिमा बताते हुए कहा किभारतीय संस्कृति में यज्ञ सर्वश्रेष्ठ कर्म है। इसीलिए यज्ञ को महत्वपूर्ण मानते हुए अवश्य भाग लेना चाहिए। यज्ञ से असंभव कार्य भी संभव हो जाते है, संक्रामक रोग नष्ट होते हैं, मनुष्य आरोग्य, विद्या, कीर्ति और यश प्राप्त करता है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी भूलती जा रही है। यदि यह क्रम इसी तरह चलता रहा तो यज्ञ आदि अनुष्ठान कहानियां ही बनकर रह जाएंगे। इसलिए समय रहते अपनी भावी पीढ़ी को भारतीय संस्कृति को बढ़ाने का हमें प्रण लेना होगा। याद रखों, प्रकृति का नियम है जो उससे छेड़छाड़ करता है, प्रकृति भी फिर उसी प्रकार बदला लेती है। इसलिए यज्ञ आदि कर्म करते रहना चाहिए। यज्ञ से ही वर्षा होती है, जोकि हमारे जीवन और प्राणों का आधार है। इससे मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी व्याधियां दूर होती हैं। वहीं, संध्याकालीन वेला में आयोजित महाआरती में काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इस अवसर पर महामंडलेश्वर विकास दास महाराज मोहड़ा धाम, रोशनपुरी , लक्षचंडी महायज्ञ की व्यवस्था में जुटे कार्यकर्ता अशोक शर्मा, आशुतोष गोस्वामी, देवेंद्र शर्मा, हरि प्रकाश शर्मा सोनीपत, हरीश अरोड़ा, कंवरपाल शर्मा, अनिल देवगण, भगवत दयाल शर्मा, लेखराज सचदेवा, दीपक सचदेवा, सुरेन्द्र शर्मा, मुनीष राव, राज सिंह मलिक, लवकुश पंडित, डॉ. महेश तनेजा, दीपक शर्मा, कमल शर्मा, कृष्ण दहिया सिसाना, राजीव सैनी, विजेंद्र सिंह, अनिल डागर, ईश्वर शामड़ी, सतबीर सिंह लाडी, सुशील, आर.डी. शर्मा, आदि शामिल रहे।

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