योग विश्व को भारतीय परम्परा की एक अनमोल देन : प्रो. सोमनाथ सचदेवा

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

योग स्वास्थ्य और कल्याण का एक समग्र दृष्टिकोण : प्रो. सोमनाथ।
10 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कुवि में शिक्षकों, गैर-शिक्षक कर्मचारियों, विद्यार्थियों सहित योग साधकों ने किए योगासन।

कुरुक्षेत्र, 21 जून : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि योग विश्व को भारतीय परम्परा की एक अनमोल देन है। सरल शब्दों में योग का अर्थ है जोड़ना, शरीर को मन के साथ, मन को आत्मा के साथ और आत्मा को परमात्मा के साथ। वे शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के न्यू मल्टी पर्पज हॉल में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में योग साधकों को सम्बोधित कर रहे थे।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के खेल निदेशालय के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की अगुवाई में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं ने योग की विभिन्न मुद्राओं के साथ आसन किए।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि योग मनुष्य को प्रकृति के साथ जोड़ने का एक नायाब तरीका है। योग स्वास्थ्य और कल्याण का एक समग्र दृष्टिकोण है। योग स्वयं को स्वयं के माध्यम से स्वयं तक पहुचंने की एक यात्रा है। कुरुक्षेत्र गीता की जननी है। गीता में कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञान योग व ध्यान योग के माध्यम से मुक्ति का मार्ग बताया गया है। मुसीबत में मुस्कुराना और सफलता में संयम रखना तथा संयम रखते हुए कर्तव्य कर्मो का निर्वहन करना योग है। हमारे यहां योग की परम्परा लगभग 5000 वर्ष पुरानी है। महर्षि पतंजलि ने लगभग दूसरी शताब्दी में योग सूत्र का संकलन किया जिसमें अष्टांग योग का वर्णन मिलता है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि योग हमें मानसिक व शारीरिक तौर पर सुदृढ़ करने का काम करता है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाये जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को प्रस्ताव रखा था जिसे दुनिया के 170 से अधिक देशों का समर्थन मिला व अनुमोदन किया तभी से 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप मना रहे हैं। आज पूरे विश्व में लगभग 200 देश योग दिवस मना रहे हैं व लाभान्वित हो रहे है। इस बार का अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का थीम स्वयं और समाज के लिए योग है। योग एक अमूल्य देन है। योग को अमीर से अमीर व गरीब से गरीब व्यक्ति दोनों अपनाकर इसका लाभ ले सकते है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि आज ग्लोबल वार्मिंग विश्व की एक प्रमुख समस्या है। आज तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। इसी गति से यदि यह सब होता रहा तो इसके भयंकर परिणाम हमें भुगतने होंगे। हमें समाज की भलाई के लिए अपनी जरूरत के अनुसार न्यूनतम उपभोग करना चाहिए।
इस मौके पर शारीरिक शिक्षा विभाग की योग शिक्षिका डॉ. रजनी बाली ने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए निर्धारित विभिन्न योग क्रियाएं करवाई तथा प्रत्येक क्रिया के महत्व को समझाया। योगाभ्यास में सभी योग साधकों को ताडासन, वृक्षासन, अर्धचक्रासन, भद्र आसन, शशांकासन, कपालभाति, वक्रासन, भुजंगासन, श्वासन, अनुलोम-विलोम सहित विभिन्न योग क्रियाएं कराई गई।
खेल विभाग के निदेशक डॉ. राजेश सोबती ने कार्यक्रम को शानदार ढंग से सफल बनाने में कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा और सभी प्रतिभागियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, प्रो. डीएस राणा, कुटा प्रधान प्रो. दलीप कुमार, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, डॉ. दीपक राय बब्बर, प्रो. शुचिस्मिता, खेल निदेशक डॉ. राजेश सोबती, डॉ. महाबीर रंगा, डॉ. रमेश सिरोही, डॉ. आनंद कुमार, डॉ. नीरज बातिश, योग साधकों सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

समाधान शिविरों में आमजन आसानी से करवा रहे है अपनी समस्याओं का समाधान : डा. वैशाली शर्मा

Fri Jun 21 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Email वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक। कुरुक्षेत्र 21 जून मुख्यमंत्री हरियाणा व मुख्य सचिव हरियाणा के निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में कार्य दिवस पर समाधान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में कुरुक्षेत्र जिले के साथ-साथ उपमंडल स्तर पर […]

You May Like

Breaking News

advertisement