योग हर मनुष्य के लिए आवश्यक है, मनुष्य की जीवन शैली गलत हो चुकी है : के.के. कौशल।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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जहां योग है, वहां रोग भी नहीं टिकते हैं।
कुरुक्षेत्र, 1 अप्रैल : भारतीय योग संस्थान दिल्ली (पंजीकृत) के अंतर्गत कुरुक्षेत्र में कर्ण जिला के प्रधान के.के. कौशल ने कहा कि वैसे भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों में योग को बहुत महत्व दिया गया है लेकिन समय परिवर्तन के साथ लोग आधुनिकता की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिकता से जीवन शैली में भी परिवर्तन आया है।
कौशल ने कहा कि आज की भागदौड़ व तनाव भरे समय में मनुष्य का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। मनुष्य की जीवन शैली गलत हो चुकी है। मनुष्य शरीर रोगों का घर हो चुका है। ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, दिमागी तनाव, चिंता, अवसाद, गर्दन दर्द, कमर दर्द, कब्ज, पेट गैस आदि रोगों ने मनुष्य को घेर रखा है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में भी ऋषि मुनियों की प्रेरणा रही है कि जहां योग है, वहां रोग भी नहीं टिकते हैं। आधुनिक समय में भी रोगों से छुटकारा पाने के लिए यथा-शक्ति सुबह-शाम योग परमावश्यक है। योग रोगी के लिए औषधि है और निरोगी के लिए टॉनिक है। कौशल ने कहा कि योग हर मनुष्य के लिये आवश्यक है।
कुरुक्षेत्र में महिलाएं योग करती हुई।