अमरीका से विशेष तौर पर प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों से मिलने पहुंचे युवा दम्पति

अमरीका से विशेष तौर पर प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों से मिलने पहुंचे युवा दम्पति।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

अमरीका में बसे भारतीयों में हैं संस्कृति एवं संस्कार।

कुरुक्षेत्र, 16 नवम्बर : विदेश में जाकर भी भारतीयों में अपने देश की संस्कृति एवं संस्कार हैं। आजकल त्यौहारों का सीजन चल रहा है तो विशेष तौर पर भैया दूज के अवसर पर अमरीका से प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों से मिलने युवा दंपति कुरुक्षेत्र पहुंचे।
ऐसे में इस दम्पति का स्वागत करते हुए प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक एवं संचालक डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि आज हमारे बच्चे जो अमरीका तथा विदेश के अन्य देशों में रहते हैं, वे वहां भी भारतीय संस्कृति व संस्कारों को अपने रोम रोम में बसाए हुए हैं। जब भी इन्हें अवसर मिलता है वह भारत पहुंचकर अपनी संस्कृति एवं संस्कारों का परिचय देते हैं।
उन्होंने बताया कि अमरीका से सौरभ गुप्ता अपनी धर्मपत्नी भक्ति गुप्ता अपने नवजात शिशु एवं पुत्र वीर गुप्ता के साथ अपने माता-पिता मदन लाल गुप्ता, मीना गुप्ता, मौसी मूर्ति गोयल, भाई ललित व बहन के साथ वृद्धाश्रम के बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे। उन्होंने बुजुर्गों को तिलक किया तथा उनका मुंह मीठा करवाया और पांव छूकर उनका आशीर्वाद लिया।
सौरभ गुप्ता ने बताया कि वह लगभग 14 वर्षों से अमरीका में रह रहे हैं लेकिन वहां रहते हुए भी वह एक पल के लिए भी अपनी संस्कृति व संस्कारों को नहीं भूले हैं। उन्होंने बताया कि वह यूट्यूब के माध्यम से हमेशा प्रेरणा वृद्धाश्रम से जुड़े रहे हैं और उनके मन में यह इच्छा रही है कि जब भी हम भारत जाएंगे सबसे पहले प्रेरणा वृद्धाश्रम में पहुंचकर बुजुर्गों का आशीर्वाद लेंगे। उसी इच्छा की पूर्ति के लिए अपने परिजनों के साथ वृद्धाश्रम में पहुंचे हैं। इस अवसर पर भक्ति गुप्ता ने कहा कि हमारे रोम रोम में भारतीय परंपरा रची बसी हुई है। मैं बेशक अमेरिका में रह रही हूं लेकिन मेरी आत्मा मेरा दिल हमेशा अपने भारत में ही निवास करता है। मैं अपने बच्चों को भी भारतीय संस्कृति के अनुसार ढालने का हर संभव प्रयास करती हूं। युवा दंपति के वृद्धाश्रम में पहुंचने पर बुजुर्गों ने हृदय से स्वागत किया। इस मौके पर सभी ने मंदिर पूजन के उपरांत वृद्धाश्रम में बने शहीदी स्मारक पर शहीदों को श्रद्धा पुष्प अर्पित किए। साथ पूरे वृद्धाश्रम का अवलोकन करने के बाद कहा कि ऐसे वृद्धाश्रम तो अमेरिका में भी नहीं देखा है। विदेश में तो सबके संबंध व्यावसायिक हैं वास्तविक प्रेम भाव तो भारत में ही देखने को मिलता है। अंत में डा. जय भगवान सिंगला ने उन्हें स्वरचित कई पुस्तकें भेंट की। इस अवसर पर प्रेरणा अध्यक्षा रेणु खुंगर, नेहा गुप्ता, आशा सिंगला, शिल्पा सिंगला, आराध्या, आश्वी सिंगला, बलविंदर कौर, विजयलक्ष्मी, मीना कुमार, शकुंतला देवी, सीता देवी, सुमन शर्मा, मलकीत कौर, उषा सच्चर, जोगिंदर सिंह, चंद्रकांत ठक्कर, इंद्रप्रीत सिंह बिंद्रा, कश्मीरी लाल जैन, विजय कुमार अग्रवाल, बी श्रीवास्तव इत्यादि भी मौजूद रहे।
प्रेरणा वृद्धाश्रम शहीदी संग्रहालय में अमरीका से आए दंपति व अन्य तथा डा. जयभगवान सिंगला अपनी पुस्तक भेंट करते हुए।

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