जॉब सीकर की बजाए जॉब प्रोवाइडर’ बनें युवा : धर्मेन्द्र प्रधान

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

केन्द्रीय शिक्षामंत्री ने आचार्य देवव्रत के प्राचीन संस्कारों के साथ आधुनिक शिक्षा ‘पेट्रर्न’ को सराहा।

कुरुक्षेत्र, 4 अगस्त : देश के युवाओं को ‘जॉब सीकर की बजाए जॉब प्रोवाइडर’ बनने की जरूरत है क्योंकि बड़ा लक्ष्य लेकर मेहनत करने वालों को सफलता अवश्य मिलती है और हमारे देश के कई उद्योगपतियों ने इस बात को साबित भी किया है। उक्त शब्द आज गुरुकुल कुरुक्षेत्र की एन.डी.ए. विंग में छात्रों से सीधा संवाद कर रहे केन्द्रीय शिक्षामंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहे। धीरूभाई अंबानी, मुकेश अंबानी व नारायणमूर्ति जैसे उद्यमियों का नाम लेकर उन्होंने कहा कि इन लोगों ने जीवन में आगे बढ़ने के लिए कड़ी मेहनत की और आज दुनिया में उनका नाम है। युवाओं को यह बात ध्यान में रखनी होगी कि मेहनत के बिना कुछ हासिल नहीं होता। हमें ‘कंफर्म और कॉन्फिडेंस के अंतर को समझना होगा। कई बार हम पूरी तरह कंफर्म न होने के चलते अपनी बात को आगे नहीं बढ़ा पाते और आगे बढ़ने से रूक जाते हैं, यह सोच हमें बदलनी होगी। जब हम कोई काम करते हैं तो उसमें गलती होने की भी संभावना होती है, हमंे कॉन्फिडेंस के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जब हम कॉन्फिडेंस से आगे बढ़ेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। इस अवसर पर गुरुकुल के संरक्षक एवं गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, पदम्श्री राघवेन्द्र तंवर, डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार, प्रधान राजकुमार गर्ग, निदेशक बिग्रेडियर डॉ. प्रवीण कुमार, प्राचार्य सूबे प्रताप, व्यवस्थापक रामनिवास आर्य, मुख्य संरक्षक संजीव आर्य आदि मौजूद रहे।
केन्द्रीय मंत्री ने आचार्यश्री के साथ गुरुकुल की अत्याधुनिक गोशाला, विद्यालय भवन, एन.डी.ए. विंग, आर्ष महाविद्यालय आदि प्रकल्पों का भ्रमण किया, साथ ही गुरुकुल के ब्रह्मचारियों के शारीरिक प्रदर्शन को निहारा। यहां पत्रकारों से बातचीत में मंत्री महोदय ने गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति की प्रशंसा करते हुए आचार्य देवव्रत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आचार्य देवव्रत ने गुरुकुल कुरुक्षेत्र प्राचीन भारतीय संस्कारों के साथ आधुनिक साइंस टेक्नोलोजी की शिक्षा का जो समन्वय स्थापित किया है वह अदभुत है। यहां पर 1600 बच्चों के शारीरिक, मानसिक और व्यक्तित्व विकास पर जो कार्य हो रहा है व अनन्य प्रयास है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में गुरुकुल की इन विशेषताओं को भी शामिल किया जाए, ऐसा प्रयास करेंगे। मंत्री महोदय ने गुरुकुल में छात्रों को दिए जा रहे एन.डी.ए., आईआईटी, एनआईटी, नीट, क्लेट आदि प्रशिक्षण की भी सराहना की। गुरुकुल में की जा रही प्राकृतिक खेती पर उन्होंने कहा कि आचार्य देवव्रत ने हमारी प्राचीन खेती प्रणाली को नया स्वरूप प्रदान किया है, वे प्रकृति प्रेमी है और हमेशा कुछ नया करते रहते है। प्रकृति और पर्यावरण को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती बेहद जरूरी है और देश के लाखों लोगों को प्राचीन खेती परम्परा के आधुनिक वर्जन से अवगत कराने का श्रेय आचार्य देवव्रत जी को जाता है।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि माननीय केन्द्रीय मंत्री का गुरुकुल के अवलोकन हेतु आना गुरुकुल परिवार के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि देश को प्रखर बुद्धि वाले ईमानदार अधिकारी देने के लिए गुरुकुल कटिबद्ध है और अपने इस प्रयास में हमें सफलता भी मिल रही है। इस वर्ष गुरुकुल के 15 छात्र एन.डी.ए हेतु चयनित हुए हैं जबकि कई बच्चे आईआईटी व दूसरे संस्थानों में गये हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की आशाओं के अनुरूप गुरुकुल परिवार देश की उन्नति में सहयोगी छात्रों के भविष्य के निर्माण के इस पुनीत कार्य को पूरी निष्ठा से करता रहेगा।

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