जग ज्योति दरबार में हुई श्रद्धा के साथ रंगभरी एकादशी की पूजा

ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी।
सभी देवता-गणों ने दीप-आरती, फूल, गुलाल और अबीर से भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती का स्वागत किया था : महंत राजेंद्र पुरी।
कुरुक्षेत्र, 10 मार्च : हर साल की तरह फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी के अवसर पर जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी व अन्य संतों द्वारा विधि विधान तथा मंत्रोच्चारण के साथ रंगभरी एकादशी का पूजन किया गया। पूजन के उपरांत महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि इस रंगभरी एकादशी का विशेष महत्व है। रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के अलावा भगवान शिवजी और मां पार्वती की भी पूजा की जाती है। काशी की भांति ही देश के विभिन्न क्षेत्रों में आस्था व परम्परा अनुसार रंगभरी एकादशी के दिन फूल, गुलाल और अबीर के साथ होली खेली जाती है। वहीं इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भी गुलाल लगाकर की जाती है। माना जाता है कि रंगभरी एकादशी के दिन से ही होली उत्सव की भी शुरुआत हो जाती है। महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विवाह के बाद भगवान शिव, माता पार्वती को काशी लेकर गए थे। जिस दिन महादेव और मां गौरी काशी पहुंचे थे वो फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का ही दिन था। कहते हैं कि जब शिव-शक्ति काशी पहुंचे तब खुशी में सभी देवता-गणों ने दीप-आरती के साथ फूल, गुलाल और अबीर उड़ाकर उनका स्वागत किया था। कहा जाता है कि उसी दिन से काशी में फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन होली खेलने की परंपरा की शुरुआत हुई और इस पावन दिन को रंगभरी एकादशी के दिन के नाम से जाना जाने लगा। इस अवसर पर कुलवंत बजाज, सोनिया बजाज, अनुष्का, देवी दयाल बजाज, नवीन कुमार, हरदेव सिंह, कविता, अजय राठी, विजय राठी व मनप्रीत सिंह आदि भी मौजूद रहे।
श्रद्धालु व महंत राजेंद्र पुरी पूजन करते हुए।